मुख्यमंत्री धामी ने किया गौचर मेले का शुभारंभ चमोली: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गौचर मेले का विधिवत उद्घाटन किया. मेला 14 से 20 नवंबर तक गौचर के खेल मैदान में आयोजित होगा, जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रहेगी. वहीं मेले को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखने को मिला. साथ ही मेले में बड़ी तादाद में लोग शिरकत करते हैं. जबकि मेले को लेकर जिला प्रशासन ने तैयारियां पूर्व में ही पूरी कर ली थी.
इस दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ताओं ने सीएम धामी का जोरदार स्वागत किया. 71वें राजकीय औधोगिक विकास एवं सांस्कृतिक गौचर मेले के शुभारंभ के मौके पर बड़ी संख्या में लोग पहुंचे.मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गौचर मेले का विधिवत उद्घाटन किया. मेले के मैदान में कई स्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें स्थानीय उत्पादों की भरमार दिखाई दी. वहीं मेले में प्रवेश व निकासी द्वार, वाहन पार्किंग, विद्युत, पेयजल, साफ सफाई तथा सुरक्षा व्यवस्था को चाक चौंबध किया गया है. जिससे लोगों को परेशानियों का सामना ना करना पड़े. गौचर के खेल मैदान में आयोजित मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रहेगी. इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, अल्मोड़ा सांसद अजय टम्टा, कर्णप्रयाग विधायक अनिल नौटियाल, थराली विधायक भूपाल राम टम्टा, विधायक भरत चौधरी आदि मौजूद रहे.
इस दौरान सीएम धामी ने कहा कि औद्योगिक विकास के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत करना अत्यंत आवश्यक है. इसके लिए रोड कनेक्टिविटी, रेल कनेक्टिविटी, रोपवे कनेक्टिविटी, हवाई कनेक्टिविटी सहित ऊर्जा एवं जल संरक्षण के क्षेत्र में विशेष कार्य किए जा रहे हैं. प्रदेश में चारधाम सड़क परियोजना, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाईन का निर्माण तथा निर्माणाधीन रोपवे परियोजनाएं इस बात का उदाहरण हैं. राज्य सरकार प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश के विकास के लिए तत्पर है. उत्तराखंड को विकसित राज्य बनाने का 'विकल्प रहित संकल्प' के साथ कार्य किये जा रहे हैं. इस संकल्प के कुछ पड़ाव हमने पार कर लिए हैं पर अभी बहुत काम करना बाकी हैं.
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बता दें कि गौचर मेला लंबे समय से आयोजित होता आ रहा है. किसी जमाने में इसे उत्तराखंड का सबसे बड़ा मेला माना जाता था.यहां पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ ही खेलकूद प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती थी. इन प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए उत्तराखंड के साथ ही देश के विभिन्न राज्यों से कलाकार और खिलाड़ी गौचर पहुंचते थे. इसके साथ ही यहां का कृषि मेला भी देश भर में प्रसिद्ध था. मेले में बीते वर्षों में लाई गई लौकी और मूली की लंबाई देखकर मेला देखने आए लोग अचंभित रह जाते थे.गौचर मेला ऐतिहासिक व्यापारिक मेले के रूप में जाना जाता है.जिसमें जिले को लोग बढ़-चढ़ कर भाग लेते हैं.