चमोली:जोशीमठ भू-धंसाव के बाद सरकार और जिला प्रशासन लगातार प्रभावित परिवारों को सुरक्षित रखने के लिए जरूरी कदम उठा रहे हैं. इसी क्रम में केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (Central Building Research Institute) विस्थापित परिवारों के लिए बागवानी विभाग, हर्बल अनुसंधान एवं विकास संस्थान के पास स्थित भूमि पर एक-दो और तीन BHK प्री-फैब्रिकेटेड घरों का निर्माण कर रहा है.
डीएम चमोली हिमांशु खुराना का कहना है कि प्रशासन द्वारा प्रभावित परिवारों के स्थायी पुनर्वास के कई विकल्पों का भी मूल्यांकन किया जा रहा है. एक विकल्प यह है कि लोगों को पैसा और आजादी दी जाए कि वे जहां चाहें बस जाएं. दूसरा विकल्प उनके लिए वैकल्पिक स्थल तलाश कर जमीन उपलब्ध कराना है.
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Joshimath Crisis: भू-धंसाव के बीच बदरीनाथ हाईवे पर भी आईं दरारें, दहशत में लोग भराड़ीसैंण के हॉस्टल में होगी प्रभावितों के लिए व्यवस्थाः उत्तराखंड आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा ने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर भराड़ीसैंण के हॉस्टल में जोशीमठ के प्रभावितों को ठहराया जाएगा. वहां पर विधायक हॉस्टल और अन्य जो भवन बने हैं, उनमें प्रभावित परिवारों की सहमति से उन्हें ठहराया जाएगा. रंजीत सिन्हा ने जानकारी दी कि भराड़ीसैंण में करीब 200 परिवारों को शिफ्ट किए जाने की क्षमता है.
आपदा सचिव सिन्हा ने बताया कि अभी तक 261 परिवारों को अंतरिम तौर पर राहत धनराशि दी जा चुकी है. आपदा प्रभावितों के लिए प्री-फैब्रीकेटेड भवनों को बनाने का काम भी चल रहा है. खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार जोशीमठ के हालातों पर नजर बनाए हुए हैं. सीएम धामी ने आज अधिकारियों के साथ जोशीमठ को लेकर तमाम महत्वपूर्ण विषयों पर बातचीत की. जिसमें राहत पैकेज को लेकर भी बातचीत हुई. साथ ही प्रभावित परिवारों को भराड़ीसैंण में शिफ्ट किए जाने पर भी चर्चा हुई.
दरारों वाली सड़कों से गुजरेगी बदरीनाथ की यात्राः वहीं, आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि हेलंग बाईपास को बनने में कम से कम 2 साल का समय लगेगा. जिससे साफ है कि इस बार का यात्रा सीजन जोशीमठ से होकर ही गुजरेगा और यह यात्रा पूरी तरह से दरारों वाली सड़कों से होकर गुजरेगी.