चमोली: कहते है सड़कें किसी भी प्रदेश के विकास का आईना होती है, लेकिन उत्तराखंड में तो कई गांव ऐसे है जहां न तो आजतक सड़क पहुंच पाई और न ही स्वास्थ्य सुविधा. अब यहां विकास की बात करना तो बेमानी ही होगा. सरकार की आंखें खोलने के लिए जोशीमठ विकासखंड के ह्यूना गांव की एक ओर तस्वीर सामने आई है, जहां सरकार के 'विकास' को आज भी कंधों पर अस्पताल ले जाया जाता है.
चमोली जिले के ह्यूना गांव से सिस्टम को कंधे पर लिए ये कोई पहली तस्वीर नहीं है. इससे पहले भी कई ऐसी तस्वीर और वीडियो सामने आ चुके हैं, जो सरकार को हकीकत से रूबरू कराती आई है. लेकिन सरकार है कि जागने को तैयार ही नहीं होती है. इस बार जो तस्वीर सामने आई है वो ह्यूना गांव के 55 वर्षीय बुजुर्ग महिला की है, जिनकी बुधवार को अचानक तबीयत खराब हो गई थी, लेकिन गांव में सड़क नहीं होने के कारण ग्रामीण महिला को डोली पर बैठाकर कंधों के सहारे चार किमी दूर मुख्य सड़क तक लेकर गए. इसके बाद वहां से बुजुर्ग महिला को एक निजी वाहन के जरिए जिला अस्पताल में पहुंचाया गया.
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ग्रामीणों ने बताया कि रोज ही उन्हें बाजार जाने के लिए करीब चार किमी का पैदल सफर करना पड़ता है. सबसे बड़ी समस्या ये है कि यदि कोई व्यक्ति बीमार हो जाता है तो पहले उसे पैदल मार्ग से मुख्य सड़क पर लाया जाता है, यदि वहां कोई वाहन मिल जाए तो ठीक वरना, फिर पैदल ही पीपलकोटी बाजार पहुंचना पड़ता है, जहां से मरीजों को गाड़ी की मदद से जिला अस्पताल में भेजा जाता है.