चमोली: बीती सात फरवरी को चमोली जिले में आई आपदा के कारणों का पता लगाने के लिए वैज्ञानिक और विशेषज्ञों की कई टीमें तपोवन पहुंच रही हैं. शुक्रवार को भी केंद्र से 17 लोगों का एक दल तपोवन पहुंचा. इस दल में वैज्ञानिक और विशेषज्ञ शामिल हैं. जोशीमठ की उपजिलाधिकारी कुमकुम जोशी ने इसकी जानकारी दी.
उपजिलाधिकारी जोशी ने बताया कि दल ने शुक्रवार को आपदा ग्रस्त क्षेत्र का हवाई सर्वे भी किया. इसके अलावा टीम मौके पर जाकर भी जानकारी जुटाएगी. टीम में वैज्ञानिक और विशेषज्ञ शामिल हैं.
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बता दें कि आपदा के बाद वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ जियोलॉजी देहरादून की टीम भी इलाके का कई बार निरीक्षण कर चुकी है. तपोवन के पास ऋषिगंगा में आई जलप्रलय में 205 लोग लापता हो गए थे. इसमें अभी तक 77 के शव और 35 मानव अंग बरामद हुए हैं. 46 शवों और एक मानव अंग की शिनाख्त हुई है. अभी भी 128 लोग लापता हैं.
गौरतलब हो कि बीती सात फरवरी को उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने से ऋषिगंगा नदी में सैलाब आ गया था. इस वजह से रैंणी गांव में ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट और तपोवन गांव में एनटीपीसी का पावर प्रोजेक्ट पूरी तरह तबाह हो गया था.