देहरादून: सहस्त्रधारा रोड पर स्थित एक पब्लिक स्कूल ने अभिभावकों को शॉर्ट नोटिस देकर स्कूल बंद करने का फरमान सुनाया. जिसके बाद अभिभावकों का गुस्सा सातवें आसमान पर जा पहुंचा. जिसके बाद आक्रोशित अभिभावकों ने नेशनल एसोसिएशन फॉर पैरंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स के बैनर तले शिक्षा विभाग के मुख्य शिक्षा अधिकारी को इस संबंध में ज्ञापन भेजा. जिसमें अभिभावकों ने स्कूल के इस फैसलों को गलत ठहराते हुए मदद की गुहार लगाई है.
स्कूल बंद करने के फरमान से अधर में लटका 300 बच्चों का भविष्य, दर-दर भटक रहे अभिभावक - मुख्य शिक्षा अधिकारी
पिछले 6 महीने से स्कूल द्वारा नए सेशन में एडमिशन लिए जा रहे थे. जिसके बाद अचानक स्कूल प्रबंधन ने अभिभावकों से स्कूल बंद करने की बात कही. उन्होंने कहा अचानक स्कूल बंद करने के फैसले के बाद आरटीई में पढ़ रहे 52 बच्चों का भविष्य अधर में लटक गया है.
मुख्य शिक्षा अधिकारी को भेजे गये पत्र में अभिभावकों ने कहा है कि स्कूल को बंद करने के फैसले से स्कूल में पढ़ रहे 300 बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा. अभिभावकों ने स्कूल प्रबंधन पर उनकी बात न सुनने का आरोप लगाया है. नेशनल एसोसिएशन फॉर पैरंट्स एंड स्टूडेंट्स के अध्यक्ष आरिफ खान ने कहा कि पिछले 6 महीने से स्कूल द्वारा नए सेशन में एडमिशन लिए जा रहे थे. जिसके बाद अचानक स्कूल प्रबंधन ने अभिभावकों से स्कूल बंद करने की बात कही. उन्होंने कहा अचानक स्कूल बंद करने के फैसले के बाद आरटीई में पढ़ रहे 52 बच्चों का भविष्य अधर में लटक गया है.
आरिफ खान ने कहा कि अगर स्कूल प्रबंधन को स्कूल बंद ही करना था अभिभावकों को एक साल पहले इसकी सूचना दी जानी चाहिए थी ताकि वे कहीं और व्यवस्था कर पाते. मुख्य शिक्षा अधिकारी को लिखे पत्र में अभिभावकों ने मांग की है कि या तो स्कूल उनके बच्चों को किसी अन्य स्कूल में शिफ्ट करे, या फिर स्कूल प्रबंधन अभिभावकों को एक साल से पहले स्कूल बंद न करने का आश्वासन दें.