देहरादून: सूबे में पर्यावरण निदेशालय स्थापित किये जाने की कवायद तेज हो गई है. उम्मीद है कि आगामी दो महीने के भीतर निदेशालय का खाका तैयार कर लिया जाएगा. दरअसल, उत्तराखंड में पर्यावरण को लेकर एक बोर्ड गठित किया गया है. लेकिन अबतक राज्य में इसके लिए एक पृथक निदेशालय स्थापित नहीं किया जा सका है.
पर्यावरण निदेशालय स्थापना की कवायद तेज. बता दें कि उत्तराखंड में अबतक पर्यावरण को लेकर महज एक बोर्ड गठित किया गया है. जिसका काम पर्यावरण सुरक्षा के कानूनों और नियमों का पालन करवाना है. लेकिन राज्य में पर्यावरण से जुड़े सुझाव या अभियान चलाने के लिए कोई भी अलग विभाग स्थापित नहीं है. ऐसे में अब राज्य सरकार इसके लिए एक अलग से पर्यावरण निदेशालय स्थापित करने की तैयारी कर रही है.
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कार्मिक और वित्त विभाग की सहमति जरूरी
राज्य में पर्यावरण को लेकर अलग निदेशालय स्थापित करने के लिए कार्मिक के साथ वित्त विभाग की सहमति मिलना भी बेहद जरूरी है. जिसके बाद ही पत्रावली के आधार पर कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जा सकेगा. दरअसल अलग निदेशालय के लिए ढांचा तैयार करने से पहले कार्मिक की मंजूरी लेनी होगी. यही नहीं इस पर आने वाले खर्च और आर्थिक दबाव की स्थिति को भापने और इसकी मंजूरी के लिए वित्त विभाग से भी मंजूरी लेनी होगी. जिसके बाद ही आगे की कार्रवाई पूरी की जा सकेगी.
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इस मामले में वन एवं पर्यावरण मंत्री हरक सिंह रावत का कहना है कि निदेशालय के लिए प्रमुख सचिव वन आनंद वर्धन को पत्रावली तैयार करने के निर्देश भी दिए जा चुके हैं. हालांकि, इससे पहले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी पर्यावरण के लिए अलग निदेशालय स्थापित करने की सहमति दे दी है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि तमाम औपचारिकताओं को आगामी 2 माह में पूरा कर लिया जाएगा. जिसके बाद अलग निदेशालय के लिए प्रस्ताव कैबिनेट में लाकर इस को अंतिम रूप दिया जाएगा.