बागेश्वर: विकासखंड के करीब 40 से 50 गांवों से आए होल्यारों ने होली का सामूहिक गायन किया. चतुर्दशी पर बागनाथ मंदिर में सामूहिक होली गायन की वर्षों पुरानी परंपरा सामाजिक सौहार्द और एकता को आज भी जीवित रखे हुए है. चतुर्दशी पर बागनाथ मंदिर में भगवान शिव को रंग और गुलाल चढ़ाने की परंपरा है. इसके साथ ही लोगों ने होली गायन के माध्यम से सामूहिक समरसता का भी संदेश दिया.
बाबा बागनाथ धाम में होली की चतुर्दशी को विकासखंड के विभिन्न गांवों से आए होल्यारों ने महफिल सजाई. उन्होंने बाबा बागनाथ को अबीर, गुलाल अर्पित कर उनकी विधिवत पूजा की. मंदिर परिसर में रंग बिरंगे कपड़ों में आए होल्यारों की टोली ने सामूहिक होली गायन किया. इस दौरान विभिन्न गांवों की साझा संस्कृति के दर्शन हुए. लोगों ने होली गायन के माध्यम से सामूहिक समरसता का भी संदेश दिया. हर साल होली की चतुर्दशी को बागनाथ मंदिर में होली गायन करने की परंपरा है. रविवार को नगर के समीप के गांव आरे, द्यांगण, अमतौड़ा, खोली, बहुली, अमसरकोट से लेकर बोरगांव, जौलकांडे, चामी, क्वैराली, सात, रतबे, धारी, डोबा, मनकोट सहित करीब 40 से 50 गांवों की होली बागनाथ मंदिर के मुख्य द्वार तक पहुंची.