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कुली बेगार आंदोलन की 103वीं वर्षगांठ, अल्मोड़ा से निकाली गई तिरंगा पदयात्रा

Coolie Begar Movement,Tiranga Padyatra from Almora कुली बेगार प्रथा को समाप्त हुए 103 वर्ष पूरे हो गये हैं. इस मौके पर अल्मोड़ा से तिरंगा पदयात्रा निकाली गई. तिरंगा पदयात्रा बागेश्वर तक निकाली जाएगी.

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कुली बेगार आंदोलन की 103वीं वर्षगांठ

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 13, 2024, 6:21 PM IST

अल्मोड़ा: उत्तराखंड स्वतंत्रता सेनानी एवम उत्तराधिकारी संगठन और से कुली बेगार प्रथा के 103 वर्ष पूरे होने पर अल्मोड़ा से बागेश्वर के लिए स्वतंत्रता सेनानियों के सम्मान में तिरंगा पद यात्रा निकाली. इस दौरान भारत माता की जयघोष के साथ पूरा अल्मोड़ा गुंजायमान रहा.

अल्मोड़ा के चौघानपाटा में स्वतंत्रता सेनानी सगठन के बैनर तले अनेक लोग एकत्र हुए. हाथ में तिरंगा लिए पहाड़ी ढोल नगाड़ों के साथ पदयात्रा निकली. संगठन के अध्यक्ष कमलेश पांडे ने कहा यह पदयात्रा कुली बेगार प्रथा के 103 वर्ष पूर्ण होने पर निकली जा रही है. यह पदयात्रा अल्मोड़ा से प्रारंभ को सोमेश्वर के चामी गांव ने विश्राम करेगी. इसी गांव में कुली बेगार प्रथा के विरोध के दौरान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बद्री दत्त पांडे ने सरयू में दस्तावेज बहाने के बाद रात्रि विश्राम किया था.

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इसके बाद यात्रा गांव से बागेश्वर जायेगी. जहां पर एक नाटक के माध्यम से लोगों को बताया जाएगा कि हमें स्वतंत्रता कैसे मिली. वहीं हमारे पूर्वजों ने इसके लिए कितनी यातनाएं सही. स्वतंत्रता सेनानी आनंद सिंह बिष्ट ने कहा इस कुली बेगार प्रथा को समाप्त करने के लिए हमारे पूर्वजों ने बहुत संघर्ष किया. उन्होंने कहा अंग्रेजो के द्वारा ऐसी यातनाएं दी गई जो जानवरों को भी नहीं दी जाती है. कुली बेगार प्रथा के तहत लोगों को बिना मेहनताने के अंग्रेजो का काम करना पड़ता था. जिसका विरोध किया गया. उन्होंने बताया इस दौरान वह बहुत छोटे थे. बाद में विभिन्न आंदोलनों में उन्होंने शिरकत की.

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