अल्मोड़ा: प्रदेश सरकार पलायन रोकने के तमाम दावे तो करती है, लेकिन धरातल पर स्थिति कुछ और ही नजर आती है. पहाड़ों में रोजगार के अभाव में पलायन कर रहे लोगों को गोविंद बल्लभ हिमालय पर्यावरण एवं विकास संस्थान पॉलीहाउस तकनीकी से खेती करने का प्रशिक्षण दे रहा है. संस्थान के प्रशिक्षण देने का उद्देश्य गांव के लोगों को रोजगार के अवसर देना है.
पॉलीहाउस तकनीक का उपयोग करने से सब्जियों की खेती से किसानों को अधिक लाभ मिलेगा साथ ही बेमौसमी बारिश, ओलावृष्टि, कड़ाके की ठंड, पाला या झुलसा देने वाली लू इन सबके बाद भी इस खेती को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा. पॉलीहाउस में मात्र 1000 वर्ग मीटर क्षेत्र में खेती कर मात्र 1 साल में 2 से 2.5 लाख रुपये तक का शुद्ध मुनाफा आसानी से कमाया जा सकता है.
जिला मुख्यालय से करीब 12 किलोमीटर दूर कोसी कटारमल स्थित ग्रामीण तकनीकी परिसर में वैज्ञानिकों ने बेमौसमी सब्जी और सलाद वाला कद्दू की खेती शुरू की है. इसकी बाजार में इस समय काफी मांग है. ग्रामीण तकनीकी परिसर, कोसी कटारमल में वरिष्ठ वैज्ञानिक के निर्देशन में प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया. इस कार्यक्रम में हवालबाग, ताकुला विकासखंड के 8 गांवों के लोगों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है.