ऋषिकेश:हाई कोर्ट मेंअतिक्रमण को लेकर अनिल कुमार गुप्ता नाम के एक व्यक्ति की ओर से जनहित याचिका दायर की गई थी. इसपर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने अतिक्रमण हटाने के लिए संबंधित चार विभागों को आदेश जारी किया था. अतिक्रमण न हटाए जाने पर याचिकाकर्ता ने एक बार फिर न्यायालय की शरण लेते हुए विभागों के खिलाफ न्यायालय अवमानना वाद दायर किया है.
अतिक्रमण को लेकर हाईकोर्ट ने विभागों से मांगा जवाब. यह भी पढ़ें:पुलिस ने किया लाखों की चोरी का खुलासा, आरोपी समेत 3 गिरफ्तार
अनिल कुमार गुप्ता ने ऋषिकेश से अतिक्रमण हटाने के लिए 21 अप्रैल 2010 को उच्च न्यायालय नैनीताल में जनहित याचिका दायर की थी. जिसके बाद 24 अगस्त 2018 को उच्च न्यायालय नैनीताल में अतिक्रमण हटाने को लेकर संबंधित विभाग हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, नगर निगम ऋषिकेश, लोक निर्माण विभाग को आदेश जारी किया था.
उच्च न्यायालयव के आदेश के बाद भी एक साल से अतिक्रमण हटाने के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हो रही थी. जिसके बाद याचिकाकर्ता अनिल ने दोबारा न्यायालय की शरण लेते हुए 22 अगस्त 2019 को सभी विभागों के खिलाफ अवमानना का वाद दायर किया है. जिसकी सुनवाई करते हुए न्यायालय ने 23 अगस्त को सभी विभागों के अधिकारियों से एक सप्ताह के अंदर जवाब मांगा है.
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हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण के सचिव के के मिश्रा का कहना है कि अतिक्रमण हटाने को लेकर प्राधिकरण की ओर से कार्रवाई की गई थी. जिसमें 21 दुकानों को सील किया गया था, लेकिन इसी बीच लोकसभा चुनाव आने की वजह से अतिक्रमण नहीं हटाया जा सका. वहीं उन्होंने कहा कि इस मामले में हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण के साथ-साथ लोक निर्माण विभाग, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और नगर निगम भी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि न्यायालय ने सभी विभागों से जवाब मांगा है. ऐसे में जल्द ही न्यायालय के समक्ष जवाब प्रस्तुत किए जाएंगे.