ऋषिकेश: नगर निगम से भूमि संबंधी अहम दस्तावेज गायब होने की एसआईटी जांच अधर में लटकी हुई है. एसआईटी जांच को लेकर नगर निगम मेयर अनीता ममंगाई और मुख्य नगर आयुक्त चतर सिंह चौहान दोनों के अलग-अलग बयान आ रहे हैं. महापौर का कहना है कि एसआईटी जांच का प्रस्ताव पास हो चुका है. वहीं, मुख्य नगर आयुक्त एसआईटी जांच के प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर रहे हैं.
मेयर और नगर आयुक्त का अलग-अलग बयान बता दें कि बीते 29 जुलाई को ऋषिकेश नगर निगम में बोर्ड बैठक का आयोजन किया गया था. जिसमें नगर निगम कार्यालय से भूमि संबंधित अहम दस्तावेज गायब होने की बात सामने आई थी. जिसके बाद बोर्ड बैठक में पार्षदों ने एसआईटी जांच की मांग की थी.
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एसआईटी जांच को लेकर मुख्य नगर आयुक्त चतर सिंह चौहान से 22 अगस्त को कहा था कि एसआईटी जांच को लेकर बोर्ड बैठक में सिर्फ चर्चा ही हुई थी, जिसके चलते इसे प्रस्ताव नहीं माना जा सकता. उन्होंने कहा था कि एसआईटी जांच संबंधित किसी भी तरह का प्रस्ताव बोर्ड में पास नहीं हुआ था, जिस कारण एसआईटी जांच के लिए शासन को पत्र नहीं भेजा गया.
वहीं, आज ऋषिकेश नगर निगम की महापौर अनीता ममंगाई ने जानकारी देते हुए कहा कि 29 जुलाई को आयोजित हुए बोर्ड बैठक में भूमि संबंधित दस्तावेज गायब होने की बात सामने आई थी. पार्षदों द्वारा सर्व सम्मति से फाइलों के गायब होने की एसआईटी जांच का प्रस्ताव पास कर लिया गया था. जिसके बाद दस्तावेजों के गायब होने की एसआईटी जांच चल रही है.
इस दौरान जब महापौर से उनके और मुख्य नगर आयुक्त के बीच कम्युनिकेशन गैप होने का सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि नगर निगम ऋषिकेश में तालमेल से कार्य हो रहा है. किसी भी तरह का कम्युनिकेशन गैप नहीं है.