रामनगर:कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के मध्य बहने वाली रामगंगा नदी में विलुप्त हो रहे घड़ियालों की संख्या बढ़ने लगी है. 90 के दशक में टाइगर रिजर्व प्रशासन ने कुकरेल से कुछ घड़ियाल के बच्चे लाकर रामगंगा नदी में छोडे़ थे. जिनकी संख्या में इस साल बढोतरी हुई है. विभाग द्वारा घड़ियालों पर कराए जा रहे शोध में यह बात सामने आई है. जिसे लेकर कॉर्बेट प्रशासन में खुशी की लहर है.
बता दें कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व को विश्वभर में बाघों के संरक्षण के लिए जाना जाता है. कॉर्बेट में विभिन्न प्रकार के वन्यजीव, बर्ड और रेप्टाइल्स पाए जाते हैं. जिनमें से घड़ियाल भी एक हैं. सीटीआर के मध्य से बहने वाली रामगंगा नदी में लगभग 35 घड़ियाल के बच्चों को शोध के दौरान देखा गया है.
शोधकर्ता गौरव वशिष्ठ ने बताया कि 1970 के दशक में रामगंगा नदी में करीब 4 घड़ियाल थे. 90 के दशक में कुकरेल से घड़ियाल के कुछ बच्चों को लाकर रामगंगा नदी में छोड़ा गया था. जिसके बाद साल 2008-2009 में इनकी गणना के दौरान नदी में 20 से 22 घड़ियाल मौजूद थे. इस वर्ष नवंबर में भी ड्रोन, बोट और पैदल गश्त के माध्यम से इनकी गणना की जाएगी. साथ ही बताया कि फिलहाल चल रहे शोध में इनके घोंसलों का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है. जिसके चलते बॉक्सर और सोना नदी के पास भी इनके घोंसले मिले हैं. जिनपर लगातार निगरानी रखी जा रही है.