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प्रसूता को कंधों पर लादकर पहुंचाया गांव, सरकार के दावों की खुली पोल - the child was taken home by sitting in a dolly

बेरीनाग विकासखंड में देखने को मिलती है जहां के अस्पताल से प्रसूता को उसके घर तक पहुंचने के लिए खासी मशक्कत पड़ी. दरअसल, हीपा गांव में सड़क न होने की वजह से प्रसूता और उसके बच्चे को गांव तक पहुंचाने के लिए डोली का सहारा लेना पड़ा.

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प्रसूता महिला को डोली में बैठाकर पहुंचाय गया गांव

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Published : Dec 28, 2019, 7:41 PM IST

Updated : Dec 29, 2019, 6:59 PM IST

बेरीनाग: प्रदेश गठन के बाद से ही लगातार पहाड़ी इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल उठते रहे हैं. पहाड़ी इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी से होने वाली घटनाएं भी किसी से छिपी नहीं है. जो समय-समय पर सरकार के वादों और दावों की पोल खोलती आई है. इसी तरह का एक मामला बेरीनाग के हीपा गांव से सामने आया है. जहां सड़क न होने के चलते प्रसूता और उसके बच्चे को डोली में बैठाकर गांव पहुंचाया गया.

प्रसूता महिला को डोली में बैठाकर पहुंचाय गया गांव

भले ही सरकार पहाड़ी इलाकों के विकास के लाख दावे करती हो लेकिन इसकी जमीन हकीकत कुछ और ही है. सरकार के दावों और वादाखिलाफी का खामियाजा भोली-भाली जनता को भुगतना पड़ता है. इसकी बानगी बेरीनाग विकासखंड में देखने को मिली. जहां अस्पताल से प्रसूता को उसके घर तक पहुंचने के लिए खासी मशक्कत पड़ी. दरअसल, हीपा गांव में सड़क न होने की वजह से प्रसूता और उसके नवजात शिशु को गांव तक पहुंचाने के लिए डोली का सहारा लेना पड़ा.

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वहीं, ग्रामीणों ने सड़क से 7 किमी. खड़ी चढ़ाई कर हीपा गांव तक प्रसूता को पहुंचाने के लिए जी जान लगा दिया और प्रसूता और नवजात शिशु को सकुशल घर पहुंचाया.

Last Updated : Dec 29, 2019, 6:59 PM IST

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