पिथौरागढ़: उच्च हिमालयी क्षेत्र व्यास और दारमा घाटी के लोग माइग्रेशन के चलते शीतकाल में निचली घाटी वाले क्षेत्रों में आ जाते हैं. वहीं, ये लोग ग्रीष्मकाल में अपने मूल स्थानों की ओर लौट जाते है. ऐसे में लोकसभा चुनावों को लेकर प्रशासन ने माइग्रेशन वाले 21 गांवों के लिए पूर्व की भांति इस बार भी निचले इलाकों में मतदान केंद्र बनाए है. लेकिन बुनियादी सुविधाओं को अभाव में दारमा घाटी के लोगों ने इस बार मतदान बहिष्कार का एलान किया है.
बता दें कि इस बार दारमा घाटी के आठ गावों ने सड़क समेत बुनियादी सुविधाओं को लेकर मतदान बहिष्कार का एलान किया है. लेकिन प्रशासन सभी ग्रामीणों को मतदान कराने के लिए पूरी तरह से तैयारियों में जुटा हुआ है. जिसमें व्यास घाटी के गर्ब्यांग, बूंदी और नपलच्यू के निवासी धारचूला के प्राथमिक पाठशाला में मतदान करेंगे. साथ ही रौंगकौंग, नाबी, गुंजी और कुटी के निवासी पंचायत घर नाबी में मतदान करेंगे. हालांकि, बुनियादी सुविधाओं के अभाव के चलते दारमा घाटी के लोगों ने इस मतदान बहिष्कार का मन बनाया हुआ है.