नैनीताल: लॉकडाउन के दौरान उत्तर प्रदेश के विधायक अमनमणि त्रिपाठी को उत्तराखंड सरकार द्वारा बदरीनाथ जाने के लिए दिया गया स्पेशल पास परेशानी का सबब बनता जा रहा है. मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार को जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.
आज मामले में सुनवाई के दौरान प्रदेश के डीजीपी और डीएम देहरादून में अपना जवाब पेश किया. कोर्ट को बताया गया कि विधायक को स्पेशल पास अपर मुख्य सचिव द्वारा जारी नहीं किया गया था, बल्कि देहरादून के एडीएम द्वारा जारी किया गया था. जिसके बाद एडीएम के अधिवक्ता ने मामले में जवाब पेश करने के लिए 10 दिन का समय मांगा.
वहीं कोर्ट ने राज्य सरकार समेत देहरादून के एडीएम को जवाब पेश करने के लिए 10 दिन का समय दिया है. विधायक को स्पेशल पास देने के मामले पर अब राज्य सरकार ने अपना पलड़ा झाड़ लिया है. डीजीपी और डीएम के इस जवाब के बाद से देहरादून के एडीएम पर हाईकोर्ट की गाज गिरनी तय मानी जा रही है. अब मामले की अगली सुनवाई 7 जुलाई को होनी है.
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बता दें कि देहरादून निवासी उमेश शर्मा ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. जिसमें कहा है कि यूपी विधायक अमनमणि त्रिपाठी को यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के स्वर्गीय पिता के पितृ कर्म के लिए उत्तराखंड सरकार द्वारा बदरीनाथ तक नियम विरुद्ध पास जारी किया गया था. वे अपने 10 अन्य लोगों के साथ बीते 2 मई से 7 मई के बीच वहां जा रहे थे, लेकिन यात्रा के दौरान कर्णप्रयाग में पुलिस ने अमनमणि को आगे नहीं जाने दिया. याचिकाकर्ता का कहना है कि सरकार ने 24 मार्च को पूर्ण लॉकडाउन घोषित किया था, लेकिन इसके बावजूद भी भारत सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन को दरकिनार कर किस आधार पर उत्तराखंड सरकार द्वारा स्पेशल पास जारी किया गया. साथ ही कहा कि इस मामले की पूर्ण सीबीआई जांच होनी चाहिए.