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कोरोना के बारे में क्या कहते हैं इतिहासकार, यहां जानें - Corona Latest News

हरिद्वार गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉक्टर देवेंद्र का कहना है कि देश में आजादी के बाद से आज तक ऐसी महामारी नहीं फैली, जिसका इतना व्यापक असर पड़ा हो. प्रोफेसर देवेंद्र बताते हैं कि इससे पहले सूरत (गुजरात) में प्लेग फैला था, लेकिन तब ये केवल गुजरात और महाराष्ट्र तक ही सीमित था.

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कोरोना के बारे में क्या कहते हैं इतिहास के जानकार

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Published : Apr 16, 2020, 7:56 PM IST

हरिद्वार: 2020 के शुरुआती दौर में ही पूरी दुनिया कोरोना जैसी महामारी की चपेट में आ गई है. कोरोना वायसर के कारण दुनिया के कई देशों को लॉकडाउन कर दिया गया है. देश में भी एहतियात के तौर पर दूसरे चरण के लॉकडाउन को लागू किया गया है. लॉकडाउन के कारण गलियों, चौक-चौराहों में सन्नाटा छाया हुआ है. बड़े-बड़े उद्योग इसके कारण ठप पड़े हुए हैं. जिससे देश की आर्थिक स्थिति पूरी तरह बिगड़ चुकी है. जानकारों की मानें तो दूसरे विश्वयुद्ध के बाद से लेकर आज तक देश में ऐसी स्थिति कभी नहीं बनी है.

हरिद्वार गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉक्टर देवेंद्र का कहना है कि देश में आजादी के बाद से लेकर आज तक ऐसी महामारी नहीं फैली, जिसका इतना व्यापक असर पड़ा हो. प्रोफेसर देवेंद्र बताते हैं कि इससे पहले सूरत (गुजरात) में प्लेग फैला था, लेकिन तब ये केवल गुजरात और महाराष्ट्र तक ही सीमित था. तब भी सरकारों और लोगों के सामूहिक प्रयास से इस महामारी पर काबू पा लिया गया था. उनका कहना है कि आज जो स्थिति है वो भी एक युद्ध जैसी है, अंतर सिर्फ इतना है कि बाकी युद्ध मैदानों में लड़े जाते हैं मगर ये युद्ध हम घरों में रहकर लड़ रहे हैं.

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वहीं हरिद्वार एसएम जैन पीजी कॉलेज के प्रोफेसर डॉक्टर सुनील बत्रा कहते हैं कि उन्होंने आज तक ऐसी स्थिति नहीं देखी. वे कहते हैं कि कोरोना ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है. आज बड़े से बड़ा देश इसकी चपेट में है. हर कोई अपनी-अपनी तरह से इस माहमारी से लड़ने में लगा है. डॉक्टर सुनील बत्रा का कहना है कि हर 100 वर्षों के दौरान एक ऐसी आपदा आती ही है.

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इससे पहले 1919 और 1920 में इसी से कुछ मिलती-जुलती भयंकर महामारी फैली थी. जिससे कई लोगों की मौत हुई थी. हरिद्वार के सीनियर सिटीजन का भी कहना है कि उन्होंने अपने जीवन में ऐसे हालात नहीं देखे. सीनियर सिटीजन का कहना है इस महामारी से बचने के लिए हमें लॉकडाउन का पालन करने के साथ ही एहतियाती कदम उठाने होंगे.

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