हल्द्वानी:मोदी सरकार ने पिछले पांच साल में फिजूलखर्ची पर लगाम लगाने के लिए कई कड़े कदम उठाए, वहीं दूसरी ओर त्रिवेंद्र सरकार ने फिजूलखर्जी की सारी हदें पार कर दीं. सिर्फ उत्तराखंड विधानसभा सत्र के खर्चे पर नजर डालें तो त्रिवेंद्र सरकार ने पिछले 6 विधानसभा सत्रों में 1 अरब 26 करोड़ रुपये खर्च किए हैं.
यह भी पढ़ें:7 मई को खुलेंगे गंगोत्री धाम के कपाट, मुखबा से बेटी की तरह विदा होंगी मां गंगा
मामले में आरटीआई कार्यकर्ता हेमंत गोनिया के मुताबिक उन्होंने विधानसभा सत्र के खर्च के संबंध में एक आरटीआई डाली थी. जिसके जवाब में कई चौंकाने वाली बातें सामने आईं. हेमंत के मुताबिक पिछले 2 साल में उत्तराखंड में 6 विधानसभा सत्र हुए, जिसमें से 2 सत्र गैरसैंण में हुए थे. जिस पर 1 अरब 25 करोड़ 83 लाख 93 हजार 829 रुपये खर्च किए हैं.