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बड़ी खबरः त्रिवेंद्र सरकार ने 6 विधानसभा सत्रों में खर्च किए 1.26 अरब रुपये, हर सत्र में बढ़ता गया खर्चा - विधानसभा सत्र

आरटीआई कार्यकर्ता हेमंत गोनिया के मुताबिक उन्होंने विधानसभा सत्र के खर्च के संबंध में एक आरटीआई डाली थी. जिसके जवाब में कई चौंकाने वाली बातें सामने आईं.

विधानसभा सत्र पर फिजूलखर्ची

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Published : Apr 6, 2019, 5:10 PM IST

हल्द्वानी:मोदी सरकार ने पिछले पांच साल में फिजूलखर्ची पर लगाम लगाने के लिए कई कड़े कदम उठाए, वहीं दूसरी ओर त्रिवेंद्र सरकार ने फिजूलखर्जी की सारी हदें पार कर दीं. सिर्फ उत्तराखंड विधानसभा सत्र के खर्चे पर नजर डालें तो त्रिवेंद्र सरकार ने पिछले 6 विधानसभा सत्रों में 1 अरब 26 करोड़ रुपये खर्च किए हैं.

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मामले में आरटीआई कार्यकर्ता हेमंत गोनिया के मुताबिक उन्होंने विधानसभा सत्र के खर्च के संबंध में एक आरटीआई डाली थी. जिसके जवाब में कई चौंकाने वाली बातें सामने आईं. हेमंत के मुताबिक पिछले 2 साल में उत्तराखंड में 6 विधानसभा सत्र हुए, जिसमें से 2 सत्र गैरसैंण में हुए थे. जिस पर 1 अरब 25 करोड़ 83 लाख 93 हजार 829 रुपये खर्च किए हैं.

देहरादून में हुए सत्र पर खर्च का विवरण-

सालखर्च
2016 -2017 32 करोड़ 32 लाख 19 हजार 292 रुपये
2017- 2018 44 करोड़ 29 लाख 81 हजार 194 रुपये
2018- 2019 49 करोड़ 21 लाख 93 हजार 352 रुपये

गैरसैंण में हुए सत्र पर खर्च का विवरण-

सालखर्च
2017 98 लाख 69 हजार 395 रुपये
2018 एक करोड़ 42 लाख 88 हजार 695 रुपये

आरटीआई कार्यकर्ता हेमंत ने मामले में कहा कि उत्तराखंड आर्थिक रूप से इतना मजबूत नहीं है. इस वजह से जनता की गाढ़ी कमाई को विधानसभा सत्र के नाम पर खर्च करना सही नहीं है. इस तरह की फिजूलखर्ची पर रोक लगाई जा सकती है. ऐसे में जनता की बात करने वाली त्रिवेंद्र सरकार पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं.

विधानसभा सत्र पर फिजूलखर्ची

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