हल्द्वानी:बसंत के आगमन के साथ ही पूरे उत्तराखंड विशेषकर कुमाऊं में होली का रंग बिखरने लगा है. मथुरा की होली की तरह ही यहां की बैठकी और खड़ी होली का अपना ही अलग ही रंग है. होली को बस दो ही दिन बचे हैं, ऐसे में कुमाऊं में होली का उत्साह पूरे शबाब पर है. जगह जगह बैठकी और खड़ी होली की महफिल सज रही है. महिला और पुरुष होल्यार घर-घर जाकर होली के गीतों से एक दूसरे को बधाई दे रहे हैं. ढोल मजीरे की थाप पर होल्यार रंगों को त्योहार को मना रहे हैं.
मथुरा की होली से कम नहीं है यहां की होली, ढोल मजीरे की थाप पर देखते बन रही महिला होल्यारों की जुगलबंदी
कुमाऊं की होली में अबीर-गुलाल के साथ-साथ गायन की विशेष परंपरा है. जिसके कारण कुमाऊंनी होली का अपना अलग ही महत्व है. इस दिन महिला होल्यार गली-मोहल्लों में जाकर कुमाऊंनी लोकगीत और होली के गीतों की प्रस्तुति देती हैं,
कुमाऊं की होली में अबीर-गुलाल के साथ-साथ गायन की विशेष परंपरा है. जिसके कारण कुमाऊंनी होली का अपना अलग ही महत्व है. इस दिन महिला होल्यार गली-मोहल्लों में जाकर कुमाऊंनी लोकगीत और होली के गीतों की प्रस्तुति देती हैं, साथ ही हंसी मजाक और मनोरंजन के माहौल को आनंददायक बनाती हैं. महिला होल्यार टोलियों में निकलकर एक दूसरे के घरों में जा रही हैं और अबीर गुलाल से एक दूसरे को सराबोर कर रही हैं.
रंगों और गानों में डूबी महिला होल्यारों से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि होली का त्योहार भाई चारा और आपसी प्रेम सद्भाव का त्योहार है. उन्होंने कहा कि सभी को बड़ी बेसब्री से इसका इंतजार रहता है. इस दिन लोग एक दूसरे से गिले शिकवे भुलाकर मिलते हैं और होली मनाते हैं.