देहरादून:उत्तराखंड में कोरोना विस्फोट हर दिन नए रिकॉर्ड बना रहा है. राज्य में पिछले कुछ दिनों में मरने वाले कोरोना के मरीजों की संख्या भी बढ़ी है. लेकिन इन हालातों के बीच चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों को अस्पताल छोड़ चुनाव ड्यूटी में भेजने की तैयारी चल रही है. आशंका है कि इससे कोरोना से निपटने में बड़ी दिक्कत पेश आ सकती है.
उत्तराखंड में 14 फरवरी को मतदान है: उत्तराखंड में दूसरे चरण के दौरान मतदान होना है. लिहाजा इसके लिए चुनाव आयोग अपनी तैयारियों को अंतिम रूप दे रहा है. दूसरे चरण के तहत राज्य में 14 फरवरी को मतदान होना है और 10 मार्च को मतगणना होगी. 14 फरवरी को होने वाले मतदान के लिए चुनाव आयोग राजनीतिक दलों पर आदर्श आचार संहिता का पालन करवाने से लेकर मतदान केंद्रों पर भी व्यवस्थाएं बनाने में जुटा है.
उत्तराखंड में तेजी से बढ़ रहा है कोरोना: इस बीच खतरा कोरोना वायरस को लेकर दिख रहा है. क्योंकि उत्तराखंड में शून्य की तरफ जाते आंकड़े अब नए रिकॉर्ड बनाते हुए ऊंचे स्थान पर पहुंच गये हैं. उधर जिस तरह से आंकड़े बढ़ रहे हैं उससे माना जा रहा है कि फरवरी तक कोरोना वायरस उत्तराखंड में पीक पर पहुंच सकता है. लेकिन इस संभावना के बीच स्वास्थ्य कर्मियों और चिकित्सकों को अस्पताल छोड़ने की स्थिति बन रही है. ऐसा इसलिए क्योंकि मतदान केंद्रों पर स्वास्थ्य कर्मियों और चिकित्सकों को तैनात किए जाने का काम किया जा रहा है.
स्वास्थ्य कर्मियों की चुनाव में ड्यूटी लगी है: खबर है कि मतदान केंद्रों पर स्वास्थ्य कर्मियों की कोविड को लेकर ड्यूटी लगाई गई है जिसमें अलग-अलग मतदान केंद्रों पर स्वास्थ्य कर्मी तैनात रहेंगे. ऐसी स्थिति में जब प्रदेश में कोरोना का तेजी से प्रसार हो रहा है, तब अस्पतालों को छोड़कर स्वास्थ्य कर्मियों का मतदान केंद्रों की तरफ रुख करना आने वाले दिनों में बड़ी चुनौती बन सकता है. राज्य भर में कई मतदान केंद्र हैं और दूरस्थ मतदान केंद्रों पर स्वास्थ्य कर्मियों के जाने आने और ड्यूटी देने के दौरान अस्पतालों में स्वास्थ्य कर्मियों की कमी झेलनी पड़ सकती है. हालांकि स्वास्थ्य महानिदेशक तृप्ति बहुगुणा कहती हैं कि उनकी तरफ से तैयारियों को पूरा कर लिया गया है और लोगों से भी अपील है कि वह कोरोना के प्रसार की गति को समझें और नियमों का पालन करें.