देहरादून:प्रदेश में दो दिन पहले हुई बारिश के कारण जहां पहाड़ों से लेकर तराई तक ठंड को महसूस किया जा सकता है. वहीं, शनिवार सुबह हुई निकली धूप ने मौसम को खुशनुमा कर दिया. ऐसे में पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने इस बारिश को किसानों के लिए नुकसानदायक बताया है. उनका कहना है कि जिन किसानों ने अबतक गेहूं की बुवाई नहीं की है, उसका असर गेंहू के उत्पादन में दिखाई दे सकता है.
बारिश को लेकर मौसम वैज्ञानिकों ने कही ये बात बता दें कि दो दिन पहले हुई झमाझम बारिश एक ओर किसानों के लिए वरदान साबित हुई है. तो वहीं, कृषि वैज्ञानिक बारिश को उन किसानों के लिए नुकसान बता रहे है जिन्होंने अब तक गेंहू की बुवाई नहीं की है. उनका कहना है कि ऐसे में प्रत्येक दिन किसानों को 50 किलो प्रति हेक्टेयर नुकसान हो सकता है. इसके साथ ही वैज्ञानिक दिसंबर खत्म होने तक या नए साल में पहाड़ी जिलों के निचले इलाकों में बर्फबारी होने की संभावना भी जता रहे हैं.
पढ़ें-शारदा नहर से सीमांत क्षेत्र में भारी नुकसान, रिसाव की वजह से दलदल बने खेत
विभाग के वैज्ञानिकों की मानें तो अभी मौसम खुशनुमा रहेगा दिन में धूप खिली रहेगी साथ ही रात में ठंड में इजाफा हो सकता है. उन्होंने बताया कि दिसम्बर और नए साल में पहाड़ी जिलों के ऊंचाई और निचले क्षेत्रों में बर्फबारी के आसार बन रहे हैं. जिससे उम्मीद जताई जा रही है कि नए साल में खूब बर्फबारी होगी.
वहीं, मौसम वैज्ञानिक नैन ने बताया कि 28 नवम्बर को हुई बारिश से किसानों को फायदा भी हुआ है और नुकसान भी. उन्होंने बताया कि अभी उत्तराखंड में आगे कहीं भी बारिश होने की संभावना नहीं लग रही है. इसके कारण जितनी भी हवाएं चल रही है वह उत्तराखण्ड से बाहर की ओर चल रही हैं. जिस कारण आने वाले एक दो सप्ताह तक आसमान में धूप खिली रहेगी. लिहाजा, जिन किसानों ने गेहूं की बुवाई नहीं की है, उन्हें थोड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है.