दिल्ली/देहरादून: देश की राजधानी दिल्ली में मंगलवार को दक्षिण एशियाई डिजिटल मीडिया पुरस्कार कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें ईटीवी भारत को बेस्ट स्टार्टअप के सम्मान से नवाजा गया. इस दौरान ईटीवी भारत की मैनेजिंग डायरेक्टर बृहति चेरुकुरी भी कार्यक्रम में मौजूद रहीं. इन मौके पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ईटीवी भारत की मुहिम 'आ अब लौटें' के बारे में सभी को बताया.
डिजिटल मीडिया सम्मेलन 2020 को संबोधित करते हुए ईटीवी भारत की मैनेजिंग डायरेक्टर बृहति चेरुकुरी ने ईटीवी भारत के प्रयासों को सबके सामने रखा. इस दौरान उन्होंने बताया कि कैसे ईटीवी भारत (उत्तराखंड) द्वारा चलाई गई मुहिम 'आ अब लौटें' के जरिये हम पलायन के दंश झेल रहे पहाड़ पर दोबारा से रौनक लौटाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि उत्तराखंड के लगभग 1400 गांव आज पलायन के कारण खाली हो चुके हैं. उन्होंने बताया कैसे संसाधनों और सुविधाओं के अभाव में खाली हो चुके गांवों में खुशहाली पहुंचाने के लिए ईटीवी भारत ने ये कदम बढ़ाया.
मुहिम 'आ अब लौटें' को ईटीवी भारत की बड़ी मुहिम बताते हुए उन्होंने कहा एक जिम्मेदार मीडिया संस्थान होने के नाते हमने वो किया जो हमें करना चाहिए, जिसके लिए हमें खड़ा होना चाहिए. कार्यक्रम में उन्होंने बताया कैसे उत्तराखंड के खाली हो चुके गांवों तक खुशहाली पहुंचाने की इस मुहिम को कैसे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सराहा. साथ ही उन्होंने बताया ईटीवी भारत की इस मुहिम में बॉलीवुड के सिंगर जुबिन नौटियाल के साथ ही परदेश में रह रहे लोगों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. सभी ने ईटीवी भारत की इस मुहिम की तारीफ करते हुए इससे जुड़ने की बात करते हुए 'आ अब लौटें' को साकार करने की बात कही.
बता दें कि 'आ अब लौटें' मुहिम ईटीवी भारत की एक सच्ची कोशिश है. अपने प्रदेश, अपने गांव की मिट्टी को प्यार करने वाले हर शख्स से ईटीवी भारत उत्तराखंड की अपील है कि हमसें जुड़ें और गांवों को फिर से बसाने में हमारी मदद करें.
पढ़ें 'आ अब लौटें' से जुड़ी मुहिम के कुछ अंश:
'बंदेया तू मुंह मोड़ के ना जा, बंदेया दहलीज लांघ के ना जा, छोड़ गया तू किस के सहारे'....आ अब लौटें
आ अब लौटें: उजड़े गांव की ये है कहानी, बच्चों की राह देखते-देखते पथरा गईं बुजुर्ग आंखें