चमोली:पंचबदरी में से एक भगवान आदिबदरी धाम मंदिर के कपाट आज आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं. एक माह के लिए कपाट बंद रहने के पश्चात आज ब्रह्ममुहूर्त में भगवान आदिबदरी धाम मंदिर के कपाट खोले गए. इस दौरान कोरोना की गाइड लाइन का पालन किया गया. बीते वर्षों के भांति परम्परा के अनुसार कपाट खुलने के साथ साथ धाम में होने वाले नौ दिवसीय महापुराण का इस बार कोरोना संक्रमण को देखते हुए आयोजन नहीं होगा.
नहीं होगा नौ दिवसीय महापुराण: आदिबदरी मंदिर समिति ने यह फैसला लिया है कि प्रदेश में कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है. इस कारण नौ दिवसीय महापुराण इस बार नहीं होगा. बता दें कि पूरे वर्ष भर में सिर्फ पौष माह में एक महीने के लिए भगवान आदिबदरी मंदिर के कपाट बंद होते हैं. आज मकर संक्रांति पर्व पर ब्रह्ममुहूर्त में मंदिर के कपाट खोल दिए गए हैं.
आदिबदरी मंदिर के बारे में जानें:आदिबदरी रानीखेत हल्द्वानी मार्ग पर कर्णप्रयाग से 17 किलोमीटर दूर तथा प्रसिद्ध चांदपुर गढ़ी से 3 किलोमीटर दूर है. इसका निकटवर्ती तीर्थ कर्णप्रयाग है. चांदपुर गढ़ी से 3 किलोमीटर आगे जाने पर प्राचीन मंदिर का एक समूह आता है जो सड़क की दांयी ओर स्थित है. किंवदंती है कि इन मंदिरों का निर्माण स्वर्गारोहिणी पथ पर उत्तराखंड आये पांडवों द्वारा किया गया था.
यह भी कहा जाता है कि इनका निर्माण 8वीं सदी में आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा हुआ. भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षणानुसार के अनुसार इनका निर्माण 8वीं से 11वीं सदी के बीच कत्यूरी राजाओं द्वारा किया गया था. कुछ वर्षों से इन मंदिरों की देखभाल भारतीय पुरातात्विक के सर्वेक्षणाधीन है.