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अवैध रूप से एसिड बेचने वालों पर दून पुलिस का 'अटैक', होगी सख्त कार्रवाई - Uttarakhand News

राजधानी में अवैध रूप से एसिड बेचने वालों के खिलाफ दून पुलिस सख्त हो गई है. दून पुलिस बिना लाइसेंस के एसिड बेचने वाले के खिलाफ विष अधिनियम की धारा के तहत कार्रवाई करने जा रही है.

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एसिड बेचने वालों पर दून पुलिस का 'अटैक

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Published : Jan 16, 2020, 7:24 PM IST

Updated : Jan 16, 2020, 8:58 PM IST

देहरादून: एसिड अटैक आधारित फिल्म 'छपाक' का असर उत्तराखंड में देखने को मिल रहा है. दून पुलिस बिना लाइसेंस के अवैध रूप से एसिड बेचने वाले के खिलाफ विष अधिनियम (POISON ACT) के तहत कार्रवाई करने जा रही है. इस संबंध में देहरादून जिलाधिकारी व एसएसपी ने बाकायदा संयुक्त रूप से जिलेभर के लिए लिखित आदेश जारी किये हैं.

एसिड बेचने वालों पर दून पुलिस का 'अटैक

एसिड इस्तेमाल से बढ़ते अपराधों को देखते हुए उत्तराखंड पुलिस अब हरकत में आ चुकी है. अब राजधानी में एसिड बेचने वालों को लाइसेंस के बिना एसिड बेचना महंगा पड़ेगा. ऐसे में बगैर लाइसेंस के एसिड बेचने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी, वहीं, इसे अब आसानी से खरीदा भी नहीं जा सकेगा. इसके अलावा अवैध रूप से बिकने वाले एसिड पर खाकी की भी जिम्मेदारी तय की गई है.

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देहरादून में 50 से ज्यादा तेजाब विक्रेता, एक तिहाई के पास ही लाइसेंस

ईटीवी भारत ने जब तेजाब बेचने वाले लाइसेंस धारक महेंद्र सिंह से बातचीत की तो हमें एसिड खरीदने और बेचने की पेचिदगियों का पता चला. महेंद्र सिंह ने बताया वास्तविक तौर पर तेजाब खरीदने के लिए सत्यापन प्रक्रिया के साथ ही बाकयदा लिखित तौर पर डिमांड ऑर्डर जैसी औपचारिकताएं निभानी होती है. कोई भी व्यक्तिगत तौर पर सीधे लाइसेंस धारक से तेजाब नहीं खरीद सकता. जानकारी के मुताबिक, बाजार में ऐसे भी कई दुकानदार हैं जो बिना लाइसेंस के तेजाब बेच रहे हैं.

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महेंद्र सिंह के मुताबिक, देहरादून में लगभग 50 से ज्यादा तेजाब विक्रेता हैं, जिनमें से मात्र एक तिहाई लोगों के पास ही लाइसेंस है. सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के मुताबिक, लाइसेंस धारक निर्धारित नियम कायदों को पूरा करने के बाद ही तेजाब बेच सकता है. पिछले 50 सालों से शिक्षा, रक्षा व अन्य संस्थानों में एसिड सप्लाई करने वाले महेंद्र सिंह का मानना है कि हाल के वर्षों में तेजाब के गलत इस्तेमाल को लेकर प्रशासन में जागरुकता आई है. इसी कारण अब लाइसेंस बनाने बाध्यता सामने आयी है

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अवैध रूप से तेजाब बेचने वालों के खिलाफ नींद से जागा प्रशासन
देहरादून में अवैध रूप से तेजाब बेचने वालों पर लगाम लगाने के मामले में अपर जिलाधिकारी रामजी शरण शर्मा का कहना है कि जिला आपूर्ति अधिकारी (DSO) द्वारा एसिड बेचने के लाइसेंस जारी किए जाते हैं. आज के समय में देहरादून जिले में मात्र 17 दुकानदारों के पास तेजाब बेचने का लाइसेंस है. शिकायतों के मुताबिक, जिले में काफी लोग अवैध रूप से खुले तौर पर तेजाब बेच रहे हैं. ऐसे में सूचनाओं के आधार पर पुलिस के साथ संयुक्त रूप से अभियान चलाकर कानूनी कार्रवाई की जा रही है.

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POISON ACT के तहत होगी कार्रवाई: एसएसपी
देहरादून एसएसपी अरुण मोहन जोशी के मुताबिक अवैध रूप से एसिड बेचने वाले को खिलाफ विष अधिनियम (POISON ACT) के तहत कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि साल 2015 में उत्तराखंड में कुछ विशेष गाइडलाइंस जारी की गई थी, उसी के आधार पर एसिड बेचने वाले दुकानदारों पर निगरानी कर उनके लाइसेंस की जांच पड़ताल की जा रही है. साथ ही अवैध रूप से एसिड बेचने वालों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जा रही है. एसएसपी ने बताया कि अगर किसी भी थाना क्षेत्र में अवैध रूप से तेजाब बिक्री पाई जाती है तो संबंधित थानेदार के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

'छपाक' के कारण फिर छाया एसिड अटैक मामला

हाल में ही रिलीज हुई फिल्म 'छपाक' के बाद एक बार फिर से एसिड का मामाला सुर्खियों में है. इस फिल्म का असर उत्तराखंड में खासतौर पर देखने को मिला था. इसके बाद ही महिला बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने एसिड सर्वाइवर को पेंशन देने की घोषणा की थी. वहीं, अब पुलिस भी इस मामले में नरमी बरतने के मूड में नहीं है. देशभर में इसे लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं.

Last Updated : Jan 16, 2020, 8:58 PM IST

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