देहरादून:बीते रोज उत्तराखंड सरकार ने दायित्व बांटकर लंबे समय से इंतजार कर रहे पार्टी के वफादार लोगों को तोहफा दिया है. लेकिन इस दायित्व के बारे में एक खास बात यह रही कि पार्टी से बाहर जाकर एक दायित्व दिया गया. जिसने सबको चौंका दिया है. दायित्वधारियों में भारत के बड़े उद्योगपति मुकेश अंबानी के पुत्र अनंत अंबानी को बदरी-केदार मंदिर समिति का सदस्य चुना गया है. अनंत को क्यों बदरी-केदार मंदिर समिति का सदस्य बनाया गया है, इसकी वजह आज हम आपको बताते हैं.
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उत्तराखंड अपनी चारधाम यात्रा के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है. इन्ही चार धामों में से दो बदरीनाथ और केदारनाथ मंदिर का अपना अलग महत्व है. यहां हर साल करोड़ों भक्त बदरी-केदार मंदिर के दर्शन करने आते हैं. इन दोनों मंदिर के संचालन की जिम्मेदारी बदरी-केदार मंदिर समिति को है. गुरुवार को उत्तराखंड सरकार ने मुकेश अंबानीके बेटे अनंत अंबानी को इसी मंदिर समिति का सदस्य चुना है.
उत्तराखंड के वरिष्ठ पत्रकार भगीरथ शर्मा ने बताया कि मंदिर के संचालन और संसाधनों की पूर्ति के लिए श्रद्धालु हर साल यहां लाखों रुपए चंदा देते हैं. इसके अलावा भगवान बदरी और केदारनाथ के प्रति अंबानी परिवार की आस्था को देखते हुए अनंत को मंदिर समिति में लाया गया है. अंबानी परिवार के मंदिर समिति से जुड़ने से राज्य को लाभ मिलेगा.
1996 में जेपी ग्रुप के अध्यक्ष को बनाया गया था सदस्य
इस बारे में मंदिर समिति के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) बीडी सिंह ने बताया कि यह पहली बार नहीं है. जब राज्य के बाहर से किसी व्यक्ति या फिर किसी व्यवसायी को मंदिर समिति में चुना गया हो. इससे पहले 1996 में उत्तर प्रदेश सरकार के समय में तत्कालीन राज्यपाल रोमेश भंडारी मंदिर समिति के अध्यक्ष बने थे और उन्होंने जेपी ग्रुप के अध्यक्ष जयप्रकाश गौड को सदस्य चुना था. इसी तरह से समय-समय पर मंदिर में सहयोग करने वाले लोगों को मंदिर समिति में कुछ ना कुछ जिम्मेदारी दी जाती है, ताकि वह मंदिर से भावनात्मक रूप से भी जुड़े रहें.
अंबानी परिवार हर साल मंदिर में संसाधन और सुविधाएं जुटाने के लिए मदद करता है. जिससे इन्फ्राट्रक्चर का निर्माण किया जाता है. जिसमें अब तक धर्मशाला, जिओ रेस्टोरेंट इत्यादि बनाया गया है. इसके अलावा अंबानी परिवार के सहयोग से 3 विश्वविद्यालय में धार्मिक संस्कृतिक पुस्तकालयों का निर्माण किया गया है. इसके अलावा मंदिर में चंदन-केसर इत्यादि तमाम संसाधनों के लिए समय-समय पर अंबानी परिवार से सहयोग मिलता रहता है. जब कभी भी मंदिर समिति को लगता है कि सहयोग की जरूरत है वो अंबानी परिवार से सहयोग के लिए आग्रह करते हैं. अंबानी परिवार बिना रुकावट मंदिर समिति का सहयोग करते हैं.