वाराणसी: देवा दी देव महादेव की नगरी काशी सजधज कर तैयार हो रही है. मौका भी खास है क्योंकि विश्वनाथ धाम का लोकार्पण होने जा रहा है. 13 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस भव्य विश्वनाथ धाम का लोकार्पण करने वाले हैं. इसे लेकर बनारस पूरी तरह से उत्सव के रंग में डूबता जा रहा है, लेकिन इन सबके बीच हम आपको विश्वनाथ धाम की कुछ अनूठी और अद्भुत चीजों के बारे में भी जानकारी दे रहे हैं. आज हम आपको विश्वनाथ धाम में दीवारों पर उकेरी जा रही समस्त इतिहास और पौराणिकता को लेकर की गई प्लानिंग के बारे में बताने जा रहे हैं कि किस तरह से विश्वनाथ धाम की दीवारें काशी और बाबा विश्वनाथ से जुड़े समस्त पौराणिक इतिहासओं की जानकारी उपलब्ध करवाएगी.
तस्वीरों संग पौराणिक की जानकारी
दरअसल, श्री काशी विश्वनाथ धाम की दीवारों से लेकर यहां अलग-अलग इमारतों और अन्य जगहों पर काशी आने वाले शिव भक्तों को समस्त जानकारी उपलब्ध कराने और काशी की संस्कृति सभ्यता से रूबरू कराने की प्लानिंग की गई है. विश्वनाथ धाम के अंदर ही भक्त बहुत सी जानकारियां हासिल कर सकेंगे. इस क्रम में विश्वनाथ मंदिर प्रशासन और काशी विद्वत परिषद की तरफ से की गई प्लानिंग के अनुरूप काशी विश्वनाथ धाम की दीवारों पर काशी विश्वनाथ मंदिर के इतिहास समेत काशी के समस्त पौराणिक इतिहास और जानकारियों को उकेरा जा रहा है.
जानकारी देते महामंत्री पंडित रामनारायण द्विवेदी. मकराना और लाल पत्थर का हुआ इस्तेमाल लाल पत्थर और मकराना मार्बल के जरिए इन दीवारों पर जानकारियों को लगाने का काम शुरू हो चुका है. काशी विद्वत परिषद के महामंत्री पंडित राम नारायण द्विवेदी ने बताया कि काशी विद्वत परिषद को यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी कि शिव पुराण चारों वेदों और समस्त धर्म ग्रंथों में से काशी से जुड़ी जानकारियों को इन दीवारों पर उकेरना के लिए पुख्ता और सही जानकारी चाहिए जिसे पूर्ण करते हुए काशी विद्वत परिषद ने वह जानकारियां निकाली है, जो शायद बहुत से लोगों को पता ही नहीं होंगी.
पुराणों और उपनिषदों से निकली जानकारियां
राम नारायण द्विवेदी ने बताया कि काशी की प्रमाणिकता और काशी विश्वनाथ मंदिर से जुड़ी समस्त जानकारियों को इन पत्थरों पर उकेरा जा रहा है. इसकी सबसे बड़ी बात यह है कि एक तरफ जहां पत्थरों पर तस्वीरों को उकेरकर लोगों को रोचक जानकारियां उपलब्ध करवाने की कोशिश हो रही है, जो जानकारी संस्कृत में मंत्रों के जरिए दी जा रही है. वहीं जानकारी हिंदी में भी उपलब्ध करवाई जा रही है, ताकि लोग इसे पढ़कर काशी और काशी विश्वनाथ मंदिर के समस्त इतिहास की जानकारी को विश्वनाथ धाम में ही पा सके. फिलहाल काशी विश्वनाथ धाम के मुख्य परिसर के चारों तरफ बनाए गए लाल पत्थरों के संकुल के अंदर इन जानकारियों को लगाने का काम चल रहा है और जल्द ही यह पूर्ण भी हो जाएगा.
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