वाराणसी:प्रधानमंत्री मोदी की महत्वकांक्षी योजना डिजिटल बैंकिंग का सपना डाक विभाग पूरा कर रहा है. जी हां डाक विभाग घर से लेकर के खेतों तक अब चिट्ठी के साथ-साथ बैंक भी पहुंचा रहा है. जहां घर बैठे आमजन सभी प्रकार की डिजिटल बैंकिंग सुविधाओं का लाभ ले सकते हैं. यही वजह है कि कोरोना काल में लगभग 4 लाख लोगों ने इंडियन पोस्ट पेमेंट बैंक में अपने खाते खुलवाए और डाक विभाग ने तीन करोड़ से ज्यादा की धनराशि आमजन तक पहुंचाई. वर्तमान समय में डाक विभाग डिजिटलाइजेशन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहा है.
पोस्ट मास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी की महत्वकांक्षी योजना डिजिटल इंडिया और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए आधार और मोबाइल नंबर के द्वारा पेपरलेस खाता खोला जा रहा है. इसके साथ ही इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक में भी लोगों के खाते खुलवाए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि इंडियन पोस्ट पेमेंट बैंक के माध्यम से हर किसी के लिए घर से लेकर खेतों तक डिजिटल और पेपर लेस बैंकिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है.
सब्जी, चाय, जनरल स्टोर की दुकान वालों से लेकर खेतों में धान की रोपाई कर रहे लोगों का भी डाकिया और ग्रामीण डाक सेवक ने खाता खोला है और उन्हें डिजिटल बैंकिंग से परिचित कराया है. आमजन के साथ-साथ वृद्धजनों, दिव्यांगों, बीमार व्यक्तियों से लेकर महिलाओं तक आईपीपीबी राशि जैसी सुविधाएं पहुंचाई जा रही हैं. उन्होंने बताया कि इस खाते के माध्यम से मोबाइल, डीटीएच रिचार्ज, बिजली बिल भुगतान जैसी सुविधाएं लोगों को मिल रही हैं. आमजन की सुविधाओं को देखते हुए डाक विभाग ने विशेष अभियान चलाकर एक दिन 8 हजार से ज्यादा लोगों के इंडियन पोस्ट पेमेंट बैंक में खाते भी खुलवाए हैं.
लोगों को मिल रहा योजनाओं का वास्तविक लाभ
उन्होंने बताया कि सरकार तमाम योजनाएं चला रही है और उन योजनाओं के जरिए लोगों को वित्तीय भुगतान भी कर रही है जो सीधे उनके खाते में आता है. लेकिन गांव और सुदुर इलाके में एटीएम और बैंक की सुविधा पर्याप्त रूप से न मिल पाने के कारण लोग सरकार द्वारा दी गई धनराशि का प्रयोग नहीं कर पाते. अब डाकियां के माध्यम से वह इन राशियों का प्रयोग कर सकते हैं, क्योंकि डाक विभाग स्वयं उनके दरवाजे तक पहुंच करके उन्हें राशि पहुंचाता है.
डाकिया बना स्मार्ट डाकिया