उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

डाला छठ में पीतल का सूप, वजह है खास

बिना सूप के डाला छठ की पूजा पूरी ही नहीं होती. बदलते वक्त के साथ बांस से बनने वाले सूप की जगह पीतल के सूप की मांग होने लगी है. पीतल का यह सूप बनारस के कुछ इलाकों में ही तैयार होता है. पीतल के सूप का प्रयोग करने के पीछे खास वजह भी है.

पीतल का सूप
पीतल का सूप

By

Published : Nov 17, 2020, 8:06 PM IST

वाराणसी: लोक और आस्था का महापर्व डाला छठ नजदीक है. बिहार के इस महापर्व की अद्भुत छटा पूरे देश में फैल गई है. देश के अलग-अलग हिस्सों में श्रद्धा भाव के साथ मनाए जाने वाले डाला छठ पर्व पर भगवान भास्कर को अर्पित करने की सामग्री अलग-अलग होती है. इनमें सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है वह सूप, जिसमें फल-सब्जियां और अनाज रखकर भगवान भास्कर को समर्पित किया जाता है. आज हम डाला छठ में प्रयोग होने वाले एक खास सूप के बारे में आपको बताएंगे.

पीतल के सूप की खास वजह.

इन इलाकों में होता है तैयार
बनारस के काशीपुरा और भुलेटन में पीतल के सूप तैयार किए जाते हैं. छठ के लगभग 4 महीने पहले से ही इन्हें तैयार करना शुरू कर दिया जाता है. छठ 20 नवंबर को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के साथ शुरू होगा और 23 नवंबर को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर पूर्ण होगा. व्रत के लिए सूप की खरीदारी जोरों पर है.

पीतल के सूप.

दोष के कारण पीतल की डिमांड
परंपरा के अनुसार बांस के पुराने सूप पूजा में रखे जाते हैं, लेकिन पानी में इनके खराब होने का खतरा रहता है. साथ ही इस्तेमाल के बाद इधर- उधर होने से दोष भी लगता है. यही वजह है कि अब बनारस में तैयार होने वाले पीतल के यह खास सूप लोगों को खूब पसंद आ रहे हैं. बनारस में बिहार की बड़ी आबादी रहती है. यही कारण है कि बनारस के चौक ठठेरी बाजार, काशीपुरा आदि इलाकों में डाला छठ के मौके पर पीतल के यह सूप आसानी से मिल जाएंगे.

सूप खरीददती महिलाएं.

बिहार समेत कई राज्यों में है डिमांड
यह सूप बनारस ही नहीं, बल्कि आसपास के जिलों और बिहार के साथ ही मध्य प्रदेश, हरियाणा तक जाते हैं. इसे तैयार करने वाले कारीगरों का कहना है कि इस सूप की डिमांड समय के साथ बढ़ती जा रही है. 10 सालों से यह सूप बिहार ही नहीं, देश के अलग-अलग राज्यों में बड़ी मात्रा में भेजा जा रहा है.

क्योंकि पीतल है शुभ
डाला छठ के मौके पर परंपरा के साथ इस सूप की मौजूदगी पवित्रता का भी संदेश देती है. पीतल में लक्ष्मी का वास माना गया है और लोग भगवान भास्कर की आराधना के दौरान लक्ष्मी का आशीर्वाद लेने के उद्देश्य से भी इस सूप को पूजा में शामिल करते हैं. अलग-अलग डिजाइन के यह सूप मार्केट में 350 से 400 रुपये में आसानी से मिल जाते हैं. हर साल इन्हें इस्तेमाल भी किया जा सकता है. भगवान भास्कर, केले के खंभों और छठी मैया की जय जैसे चित्र के साथ यह सूप दिखने में बेहद आकर्षक नजर आते हैं. इसकी वजह से यह लोगों को खूब भा रहे हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details