वाराणसी :आज से नए साल की शुरुआत हो चुकी है. साल 2024 कई मायने में लोगों के लिए खास रहने वाला है. ग्रहों की चाल हर किसी को फायदा पहुंचाएगी. इस साल कोई ग्रहण भी नहीं लगेगा. नववर्ष 2024 का आगमन कन्या लग्न, सिंह राशी, मघा नक्षत्र में हुआ है.यजो कई मामलों में अतिशुभ और विशेष है. ज्योतिष आचार्य पंडित ऋषि द्विवेदी के मुताबिक नए साल पर लग्नेश बुध पराक्रम भाव मंगल के घर में भाग्येश शुक्र के साथ विराजमान होकर भाग्य भाव पर अपनी सप्तम पूर्ण दृष्टि से देख रहे हैं. वहीं, धर्म-अध्यात्म लक्ष्मी का कारक ग्रह देवगुरु बृहस्पति अष्टम भाव में विराजमान है. भारत की कुंडली में भी सभी ग्रह अनुकूल हैं. कुल मिलाकर यह वर्ष भारतीयों के लिए बेहद उत्कर्ष रहने वाला है.
भारतीय अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी :ज्योतिष आचार्य पंडित ऋषि द्विवेदी ने बताया कि धार्मिक दृष्टि से भी साल 2024 खास है. 22 जनवरी को अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा के बाद राम मंदिर में युग-युगांतर के लिए दर्शन-पूजन का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा. यह अपने-आप में देवगुरु बृहस्पति के प्रभाव से ऐतिहासिक होगा. यही तक नहीं, अष्टम भाव का बृहस्पति आध्यात्मिक एवं धार्मिक मामलों के कार्यों में अचानक लाभ दिलाने वाला होगा. आगे भी काशी, मथुरा सहित प्राय: जगहों पर देवगुरु बृहस्पति सनातनियों को उनका अधिकार प्राप्त कराएगा. इतना ही नहीं, उपरोक्त दोनों शुभ योग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को वैश्विक राजनीति में सर्वोपरी विश्व प्रभुत्ववादी नेतृत्व के रूप में होंगे. इन दोनों शुभ योगों के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी.
बड़ी दुर्घटनाओं की संभावना, मिलेगा रोजगार :पंडित ऋषि द्विवेदी ने बताया कि आयात-निर्यात में और वर्षों के अपेक्षाकृत आशातीत लाभ दिखेगा. युवाओं व बेरोजगारों को यह वर्ष विशेष सफलता देने वाला होगा. देश में प्राय: सभी वर्गों का उत्थान होता नजर आएगा. छठवें भाव में कुंभ राशि अर्थात, शनिदेव अपने स्वगृह मूल त्रिकोण में विराजमान हैं. वहीं, लग्न में केतु हैं. शनि-केतु का खडाष्टक दुर्योग संक्रामक बीमारियों, प्राकृतिक आपदा, भूकंप, महामारी, सुनामी के साथ ही आतंकवादी घटनाओं, रेल, सड़क व हवाई यात्रा में बड़ी दुर्घटनाओं की संभावना बनी रहेगी. शनि के छठवें भाव में बैठने से भारत समेत पूरे विश्व में बेरोजगारों को रोजगार के मार्ग सुगम होते नजर आएंगे. नौकरशाहों का प्रभुत्व बढ़ेगा. श्रमिक वर्ग, किसान मजदूरों के लिए भारत की कुंडली के गोचर में अष्टमथ शनि विशेष लाभ दिलाने वाला होगा.