वाराणसी : हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया मनाया जाता है. इस अक्षय तृतीया को आखा तीज के नाम से भी जाना जाता है. यह दिन सालभर की शुभ तिथियों की श्रेणी में आता है. ये दिन त्रेता युग का आरंभ भी माना जाता है. सनातनी परंपरा में अक्षय तृतीया एक ऐसा महापर्व है जो पुण्य कमाने का सर्वोत्तम मौका माना जाता है.
वेद और पुराणों में भी इस महाव्रत का विधान बताया गया है. इस बार अक्षय तृतीया का पर्व वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि यानी 3 मई को मनाया जाएगा. Etv Bharat की इस स्पेशल पेशकश में काशी हिंदू विश्वविद्यालय ज्योतिष विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर विनय कुमार पांडेय से अक्षय तृतीया के बारे में जानते हैं कुछ खास बातें..
Etv Bharatसे खास बातचीत में प्रोफेसर विनय कुमार पांडेय ने बताया कि यह दिन शुभ कार्यों के साथ दान पुण्य के लिए सबसे उत्तम दिन होता है. उसके अतिरिक्त इस दिन भगवान परशुराम की उत्पत्ति का दिवस भी माना जाता है. इसी वजह से यह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है. इस बार की अक्षय तृतीया स्नान दान के साथ पुण्य कमाने के नजरिया से काफी महत्वपूर्ण इसलिए भी है क्योंकि अबकी बार कुछ विशेष योग भी कई साल बाद इस तिथि पर बन रहे हैं. इन महायोगों में किया गया कोई भी शुभ कार्य आपके जीवन पर्यंत अक्षय होगा. यानी उसका लाभ आपको हमेशा मिलता रहेगा.
प्रोफेसर विनय पांडेय ने बताया कि इस दिन किसी भी तरह का शुभ कार्य, गृह प्रवेश, खरीदारी किसी प्रॉपर्टी की खरीद-बिक्री दुकान की ओपनिंग, गृहारंभ का कार्य आदि यह सभी कार्य किए जा सकते हैं. कहा जाता है कि इस दिन सोना खरीदना शुभ माना जाता है. इसलिए यदि आपको जरूरत है या फिर आपके घर में विवाह या अन्य कोई कार्य हैं तो आप इस दिन जाकर स्वर्ण खरीद सकते हैं. बिना वजह सोना खरीदना यह फिलहाल ज्योतिष शास्त्र में तथ्य के साथ कहीं मौजूद नहीं है.