वाराणसी: उत्तर प्रदेश के तमाम जिले के साथ वाराणसी में भी 19 अक्टूबर से स्कूल खुलने वाले हैं. इसको लेकर जिला प्रशासन और विद्यालय प्रशासन अपने स्तर पर पूरी तैयारियां कर रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद अभी भी अभिभावकों के मन में असमंजस की स्थिति है. अभिभावक अभी भी बच्चों को स्कूल भेजने को तैयार नहीं है. ईटीवी भारत ने अभिभावकों और बच्चों से खास बातचीत की. बातचीत के दौरान बच्चों और अभिभावकों ने अपनी बातें सांझा की. इसके साथ ही ईटीवी भारत ने विद्यालय में किस प्रकार की तैयारी हो रही हैं, यह भी जानने की कोशिश की.
वाराणसी में स्कूल खुलने को तैयार, अभिभावक अभी भी असमंजस में
उत्तर प्रदेश के तमाम जिले के साथ वाराणसी में भी 19 अक्टूबर से स्कूल खुलने वाले हैं. इसको लेकर जिला प्रशासन और विद्यालय प्रशासन अपने स्तर पर पूरी तैयारियां कर रहे हैं. हालांकि अभिभावकों के मन में अभी भी असमंजस की स्थिति है. इसको लेकर ईटीवी भारत ने अभिभावकों और बच्चों से खास बातचीत की.
अभिभावकों में है असमंजस की स्थिति
अभिभावक गरिमा जायसवाल का कहना है कि उनके बच्चे बहुत छोटे हैं, इसलिए उन्हें स्कूल भेजने में एक डर सा लग रहा है. उन्होंने कहा कि स्कूल तो खुलने को तैयार है, लेकिन वे अभी भी असमंजस में हैं. क्योंकि अभी भी कोविड-19 का खतरा टला नहीं है. बच्चे स्कूल जाएंगे तो वह अपनी देखभाल भी नहीं कर सकते. ऐसे में डर लग रहा है कि बच्चे को स्कूल कैसे भेजे. वहीं एक अन्य अभिभावक का कहना है कि उनके बच्चे बाहर रहते हैं, लेकिन लॉकडाउन में वे वापस आए. अब उन्हें कॉलेज भेजने में डर लग रहा है. उन्होंने कहा कि स्कूल भले ही अपनी तरफ से पूरा प्रयास कर रहा है, लेकिन अभी भी मन नहीं मान रहा बच्चों को स्कूल कॉलेज भेजने को.
बच्चे स्कूल को कर रहे मिस, लेकिन कोरोना से है भयभीत
छात्र नकुल ने बताया कि अभी स्कूल जाना डेंजरस है, क्योंकि कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है. यदि स्कूल में कोरोना पॉजिटिव के संपर्क में आ गए तो बहुत दिक्कत हो जाएगी. कक्षा 10वीं की छात्रा अर्पिता ने बताया कि वह स्कूल को बहुत मिस कर रही है. स्कूल जाने का मन भी बहुत है, लेकिन जो स्थिति है उसे देखकर बहुत डर लग रहा है. घर पर ही ऑनलाइन क्लासेस कर रहे हैं. वही बेहतर है.
स्कूल प्रशासन ने कर ली है तैयारियां पूरी
स्कूल की तैयारियों को लेकर हरिश्चंद्र बालिका इंटर कॉलेज की प्राचार्य प्रियंका तिवारी ने बताया कि स्कूल में कोविड-19 के मानकों का पालन करते हुए पूरी तैयारी कर ली गई है. यहां पर सैनेटाइजेशन की पूरी व्यवस्था है. प्रत्येक बच्चे को मास्क और सैनिटाइजर के साथ ही स्कूल बुलाया गया है, जिससे कि उनके मन में कोई डर न हो. इसके साथ ही 2 घंटे पर स्कूल को सैनेटाइज भी कराया जाएंगा.
स्कूल प्रशासन अभिभावकों को बुलाकर कर रहा कॉउंसलिंग
प्राचार्या ने बताया कि बच्चों के अभिभावक असमंजस में हैं. इसको लेकर लगातार अभिभावकों से संपर्क स्थापित कर उनसे बातचीत करने की कोशिश की जा रही है कि वे निश्चिंत रहें और बच्चे को बिना किसी चिंता के स्कूल भेजें, क्योंकि बच्चे स्कूल आते हैं तो उनका सर्वांगीण विकास होता है.
स्कूल आने से बच्चों का होता है सर्वांगीण विकास
प्राचार्या प्रियंका तिवारी ने बताया कि घर पर बच्चों की ऑनलाइन क्लास चल रही है, लेकिन अन्य विकास के लिए उनका स्कूल आना बेहद जरूरी है. स्कूल प्रशासन प्लानिंग कर रहा है कि इस तरीके की व्यवस्था की जाए, जिससे किसी बच्चे को कोई दिक्कत भी न हो और उनकी पढ़ाई सुचारू रूप से चल सकें. प्राचार्य ने कहा कि जिन बच्चों का बोर्ड है, उनका प्रोजेक्ट जरूरी है. इसलिए 20-20 की संख्या में बच्चों को बुलाकर उनका डाउट क्लियर कर उनको होम वर्क देकर उनको सुरक्षित घर भेजा जाएगा.
19 अक्टूबर से दो पालियों में संचालित होंगे स्कूल
जिला प्रशासन ने 19 अक्टूबर से स्कूल खोलने का निर्देश दिया है. कक्षा 9 से 12 तक के विद्यालयों को दो पाली में खोलने की अनुमति मिली है. पहली पाली में सुबह 8:50 से 11:50 तक स्कूल खोले जाएंगे और दूसरे पाली में 12:20 से 3:20 तक कक्षाएं संचालित की जाएंगी. पहली पाली समाप्त होने के बाद दिन में दो बार स्कूल को सैनेटाइज कराया जाएगा. उसके बाद दूसरी पाली के बच्चे को बुलाया जाएगा.