वाराणसी:ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले(Gyanvapi Shringar Gauri Case) में भले ही 12 सितंबर को महत्वपूर्ण फैसला मुकदमे के स्वीकार या अस्वीकार करने को लेकर आना हो लेकिन इसके अतिरिक्त एक अन्य मामले की सुनवाई भी एक अतिरिक्त न्यायालय में चल रही है. इस मामले में भी पूजा के अधिकार और अन्य मांग को लेकर वैदिक सनातन संघ की तरफ से याचिका दायर की गई है, जिस पर 5 सितंबर को बहस होनी है. इसे लेकर पहले विश्व वैदिक सनातन संघ (Vishwa Vedic Sanatan Sangh) के प्रमुख और इस मामले की वादिनी के पैरोकार जितेंद्र सिंह बिसेन ने अपने साथ अपने वकीलों के साथ किसी दुर्घटना होने की आशंका की वजह से 5 सितंबर को होने वाली सुनवाई में शामिल होने से इनकार किया था. गुरुवार को उन्होंने संदेश जारी करके हर हाल में सुनवाई में शामिल होने की बात कही है. उनका कहना है जब तक जिंदगी रहेगी तब तक हम इस मुकदमे को लड़ेंगे.
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जितेंद्र सिंह बिसेन का कहना है कि ज्ञानवापी मामले में हिन्दू पक्ष की पैरवी रोकने के लिए पक्षकारों और अधिवक्ताओं के खिलाफ हो रहे षड्यंत्रों और हमलों को लेकर विश्व वैदिक सनातन संघ प्रमुख जितेन्द्र सिंह 'विसेन' की अध्यक्षता में हुई चर्चा के बाद निर्णय लिया गया है कि ज्ञानवापी से संबंधित किसी भी मामले में पैरवी नही रुकने देंगे. इसी के चलते भगवान आदि विश्वेशर विराजमान और अन्य बनाम उत्तर प्रदेश सरकार और अन्य में अब 5 सितम्बर को होने वाली सुनवाई में न्यायलय में उपस्थित होकर मुस्लिम पक्ष की 7 - 11 की दरख्वास्त का जवाब प्रस्तुत करते हुए बहस शुरू करेंगे.
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सनातन संघ प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन(Sanatan Sangh chief Jitendra Singh Bisen)का कहना है कि संगठन का निर्णय स्पष्ट है कि जो भी षडयंत्र, हमले और दुष्प्रचार संगठन के सदस्यों और अधिवक्ताओ के खिलाफ शासन -प्रशासन के कुछ अधिकारी की मिलीभगत से किए जा रहे है, उन्हे संगठन सरकार का आदेश समझकर अपना कार्य करता रहेगा. चाहे जो भी परिणाम हो ज्ञानवापी मामले की पैरवी अपने जिंदा रहते नही रुकने देंगे.