वाराणसी: राम जन्मभूमि यानि भगवान रामलला की धरती अयोध्या में भगवान प्रभु श्री राम के भव्य मंदिर के निर्माण का हर किसी को इंतजार है. मंदिर अब बनकर तैयार है और इसी महीने की 22 तारीख को प्रभु श्री रामचंद्र का बाल स्वरूप वहां पर स्थापित करने का कार्य किया जाएगा. सबसे बड़ी बात यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने हाथों से प्रभु श्री राम लाल की बाल स्वरूप प्रतिमा को लेकर गर्भगृह में प्रवेश करेंगे.
रामलला के साथ कितनी देर रहेंगे पीएम मोदी:प्राण प्रतिष्ठा का मुहुर्त सिर्फ 84 सेकेंड है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूजा मंडप से गर्भ गृह की 300 मीटर की दूरी तय करके रामलला को स्थापित करेंगे. इसलिए हर कोई यह जानना चाहता है कि आखिर इतने कम समय में स्थापना प्रक्रिया पूर्ण कैसे होगी. इस संदर्भ में काशी से इस पूरे अनुष्ठान को करने वाले पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित और उनके पुत्र पंडित सुनील लक्ष्मीकांत दीक्षित ने ईटीवी भारत से खात बातचीत की.
प्राण प्रतिष्ठा पूजन प्रक्रिया कितनी देर की होगी:उन्होंने स्पष्ट बताया कि पूजन स्थापना प्रक्रिया 40 मिनट की होगी, लेकिन गर्भगृह में स्थापना के लिए सिर्फ 84 सेकंड का मुहुर्त चुना गया है, जो भारत देश के उत्थान के लिए सर्वोत्तम है. इसलिए पीएम मोदी इस 84 सेकंड के भीतर रामलला को गर्भगृह में ले जाकर षोडशोपचार पूजन के साथ उनकी स्थापना संपन्न करेंगे. इस पूरी पूजन पद्धति के लिए काशी से 50 विद्वान जाने वाले हैं, जिनमें से पांच विद्वान हवन कुंड तैयार करने के लिए दो दिन पहले ही अयोध्या पहुंच चुके हैं.
प्राण प्रतिष्ठा में कितने पंडित होंगे शामिल:बाकी विद्वान 14 तारीख और 15 तारीख को यहां से रवाना होंगे. इन सबका नेतृत्व काशी के ही विद्वान 85 वर्षीय पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित करेंगे. उनका साथ देने के लिए उनके बेटे पंडित सुनील लक्ष्मीकांत दीक्षित भी मौजूद रहेंगे. इस पूरी प्रक्रिया और 84 सेकंड के मुहूर्त में पीएम मोदी किस तरह से पूजन करेंगे इस बारे में पंडित सुनील लक्ष्मीकांत दीक्षित ने बताया कि किसी भी मूर्ति की पूजा का आरंभ पहले ध्यान करने के साथ शुरू होता है.
प्राण प्रतिष्ठा की प्रक्रिया में क्या-क्या होगा:इसलिए भगवान रामचंद्र का ध्यान किया जाएगा. उन पर पुष्प चढ़ाया जाएगा. उसके बाद भगवान को आसन के लिए पुष्प दिया जाएगा. फिर उनके चरणों को धोकर उनको जल दिया जाएगा और आचमनी में जल देने के बाद उन्हें मुख में जल प्रदान किया जाएगा. इसके बाद प्रभु श्री राम लाल को मधुअर्क यानी शहद दिया जाएगा, जैसे एक नवजात शिशु को जन्म के बाद दिया जाता है. उसके बाद भगवान का स्नान होगा. फिर प्रभु का षोडशोपचार पूजन संपन्न होगा. यह पूजन लगभग 20 मिनट में पूर्ण होगा. 84 सेकेंड का पूजन सांकेतिक पूजन के तौर में प्रधानमंत्री के द्वारा किया जाएगा.