वाराणसी:प्रधानमंत्री मोदी का संसदीय क्षेत्र बनारस जहां विकास की बयार बह रही है. यहां 10 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की परियोजनाएं धरातल पर तेजी से आगे बढ़ रही हैं. विश्वनाथ कॉरिडोर से लेकर अंडरग्राउंड केबलिंग, अंडरग्राउंड गैस पाइपलाइन, हाईवे, सड़क, मल्टी लेवल पार्किंग समेत कई अन्य विकास योजनाएं तेजी से संचालित हो रही हैं. इन विकास की योजनाओं से भले ही भविष्य में लोगों को बहुत से आराम हो, लेकिन वर्तमान में विकास की योजनाएं जिले की आबोहवा को खराब कर रही हैं. हालात ये हैं कि निर्धारित मानक से कहीं ज्यादा वायु प्रदूषण का स्तर बनारस में हो गया है. जो ना सिर्फ बनारस की हरियाली को बर्बाद कर रहा है, बल्कि लोगों के स्वास्थ्य को भी बिगाड़ रहा है.
लापरवाही है बड़ी वजह
रीजनल ऑफिसर की मानें तो बनारस में चल रही विकास योजनाओं में बरती जा रही लापरवाही बनारस की आबोहवा को खराब कर रही है. खोदकर छोड़ी जा रही सड़कें लंबे वक्त तक वैसे ही पड़ी रह रही हैं. जिसकी वजह से उड़ रही धूल पीएम 2.5 बढ़ाने का काम कर रही है. इसके अलावा तमाम विकास की योजनाओं के स्पॉट पर पानी का छिड़काव ना होने की वजह से धूल उड़ने के कारण आसपास की आबोहवा भी खराब हो रही है.