वाराणसीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज घोषणा की है कि, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में तमिल स्टडीज में 'सुब्रमण्य भारती चेयर' स्थापित की जाएगी. बीएचयू के कला संकाय में चेयर स्थापित की जाएगा. प्रधानमंत्री की इस घोषणा का काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर बी के शुक्ला ने स्वागत किया है.
पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अहमदाबाद स्टेट सरदार धाम भवन का उद्घाटन करते हुए सुब्रमण्यम भारती के 100वीं पुण्यतिथि के अवसर पर यह घोषणा की. उन्होंने कहा, ‘‘आज इस अवसर पर मैं एक महत्वपूर्ण घोषणा भी कर रहा हूं. बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में सुब्रमण्य भारती जी के नाम से एक चेयर स्थापित करने का निर्णय लिया गया है. तमिल अध्ययन पर ‘सुब्रमण्य भारती चेयर’ बीएचयू के फेकल्टी ऑफ आर्ट्स में स्थापित होगी.’’
सुब्रमण्यम भारती का काशी से नाता
सुब्रमण्यम भारती 1898 ईं में विभिन्न तीर्थ यात्रा के माध्यम से काशी पहुंचे. यहां उन्होंने सेंट्रल हिंदू कॉलेज में नामांकन कराया. काशी प्रवास के 2 वर्षों के दौरान अंग्रेजी कविता के प्रति दिलचस्पी तथा काव्य संबंधी परंपरागत मान्यताओं का बोध किया.
काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर बी के शुक्ला ने बताया कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कला संकाय में महान तमिल लेखक, कवि एवं दार्शनिक सुब्रमण्यम भारती के नाम पर एक चेयर स्थापित करने की घोषणा की है. 'महाकवि भारतियार' के नाम पर बीएचयू में चेयर स्थापित किए जाने पर शहर उत्साहित है. साथ ही गर्व का अनुभव कर रहा है.
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उन्होंने कहा कि, काशी की नगरी प्राचीन काल से ज्ञान एवं अध्यात्म का प्रकाश चारों ओर फैलाती आई है. इस धरती पर स्थित महामना पंडित मदन मोहन मालवीय द्वारा स्थापित सर्व विद्या की राजधानी काशी हिंदू विश्वविद्यालय ने राष्ट्र निर्माण के लक्ष्य पर आगे बढ़ते हुए इस ज्ञान परंपरा को आगे बढ़ाने का काम किया है. अपितु पीढ़ी दर पीढ़ी इसे संप्रेषित भी किया है.
कार्यवाहक कुलपति ने कहा कि, सुब्रमण्यम भारती चेयर से न सिर्फ यह परंपरा और सशक्त होगी, बल्कि इससे युवा पीढ़ी को महाकवि भारतियार के दर्शन विचार एवं राष्ट्रीय प्रेम के उनके भाव से प्रेरणा भी मिलेगी. इस चेयर के माध्यम से काशी हिंदू विश्वविद्यालय में तमिल भाषा साहित्य एवं सांस्कृतिक अध्ययन को बढ़ावा देने के लिए इसमें शिक्षण और शोध कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.