वाराणसी : गुरुवार पीएम मोदी ने काशी को लगभग 1800 करोड़ रुपये की कई महत्वपूर्ण योजनाओं की सौगात दी. इन योजनाओं में एक ऐसी महत्वपूर्ण योजना है, जो सिर्फ बनारस नहीं बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के युवाओं की तकदीर बदलने वाली है. यह योजना है बनारस में एक अल्ट्रा मॉडर्न स्पोर्ट्स कंप्लेक्स के निर्माण की है. इस योजना के तहत 87 करोड़ की लागत से इंडोर स्टेडियम का निर्माण किया जाना है.
बनारस में को मिलने वाली इंडोर स्टेडियम में एक दो नहीं बल्कि 22 तरह के खेल प्रेमियों को एक ही स्थान पर प्रैक्टिस करने का मौका मिलेगा. यहां आने वाले दर्शकों को इंटरनेशनल लेवल की सुविधाएं मिलेंगी. यह पहला मौका होगा जब पूर्वांचल के खिलाड़ी अब खेलने के लिए संघर्ष नहीं, बल्कि उन सुविधाओं का लाभ ले पाएंगे जिसके लिए उन्हें अब तक दूसरे राज्यों की तरफ जाना पड़ता था. वाराणसी में स्पोर्ट्स स्टेडियम के रिनोवेशन के मौके पर संपूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम में एक आयोजन किया गया था. खास बात यह है कि यहां पर हजारों की संख्या में पूर्वांचल के अलग-अलग हिस्सों से खिलाड़ियों को बुलाया गया था.
कार्यक्रम में कुछ ऐसे प्रतिभावान खिलाड़ी भी मौजूद थे, जिन्होंने काशी में रहते हुए पूरे विश्व में भारत का नाम रोशन किया है. इन्हीं खिलाड़ियों से आज के कार्यक्रम को लेकर ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से दिए गए खिलाड़ियों को अब तक के सबसे बड़े तोहफे पर इन इंटरनेशनल खिलाड़ियों ने अपनी राय रखी. इंटरनेशनल एथलीट नीलू मिश्रा से ने ईटीवी भारत को बताया कि इंडोर स्टेडियम और उसमें मिलने वाली सुविधाएं उम्मीद से ज्यादा हैं. इंटरनेशनल एथलीट नीलू मिश्रा ने कहा कि खिलाड़ियों के लिए उत्तर प्रदेश में सुविधाओं की हमेशा कमी रही है. लेकिन पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अब खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से यूपी के साथ-साथ पूर्वांचल के खिलाड़ियों की किस्मत बदल रही है.
अभी तक पूर्वांचल के खिलाड़ियों को लखनऊ या फिर हरियाणा या पंजाब में जाकर खेल की प्रैक्टिस करनी पड़ती थी. यूपी से बाहर जाने वाले इन युवाओं को जरूरत के मुताबिक, सुविधाएं भी नहीं मिल पातीं थी. इंटरनेशनल लेवल पर खेलने के लिए बेहतर सुविधाओं का होना जरूरी है. अब बनारस में इस स्टेडियम के निर्माण के बाद खेल का एक नया और बदला स्वरूप उत्तर प्रदेश में दिखाई देगा. इससे खेल से जुड़े युवाओं को बहुत बड़ी राहत मिलेगी. ओलंपियन संजीव का कहना है कि यह स्टेडियम युवा खिलाड़ियों को संजीवनी देने का काम करेगा.