वाराणसी : 4 मार्च को देवादिदेव भोलेनाथ का महापर्व महाशिवरात्रि देश भर में मनाई जाएगी. इस दिन बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी का एक अद्भुत रूप देखने को मिलता है. देश-दुनिया के कोने-कोने से लाखों की भीड़ बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने पहुंचती है. इस बार ऐसा पहली बार होने जा रहा है, जब महादेव बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने आने वाले लोगों को सड़क पर कतार बंद होकर मंदिर तक नहीं जाना होगा.
ऐसा इसलिए क्योंकि बाबा विश्वनाथ मंदिर विस्तारीकरण के तहत कॉरिडोर के काम में तेजी आने के बाद 20,000 स्क्वायर फीट की जगह मंदिर प्रशासन को मिल जाने की वजह से अब लगभग 50,000 से ज्यादा की भीड़ एक बार में ही मंदिर परिसर के आसपास क्षेत्र में ही मौजूद रहेगी. इस वजह से इस बार भीड़ को सड़क पर लाइन लगाकर नहीं बल्कि गलियों के रास्ते कॉरिडोर से होते हुए मंदिर तक ले जाने की तैयारी की गई है.
मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विशाल सिंह ने जानकारी दी. तो अगर आप भी काशी विश्वनाथ के दर्शन के लिए जाने वाले हैं, तो दर्शन-पूजन के लिए मंदिर प्रशासन का तरीका जानकर जाइये ताकि दर्शन आसानी से प्राप्त हो सकें.
दरअसल, हर साल महाशिवरात्रि और सावन के सोमवार पर बाबा विश्वनाथ में 3 से 4 लाख भक्तों की भीड़ उमड़ती है लेकिन इस बार मौका बेहद खास है क्योंकि प्रयागराज में कुंभ का आयोजन है. कुंभ के आखिरी स्नान के बाद माना जा रहा है कि बनारस में बड़ी संख्या में भक्तों का आना हो सकता है. बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए महाशिवरात्रि से बेहतर कोई और दिन नहीं हो सकता. इसलिए ऐसा अनुमान है कि 10 लाख से ज्यादा लोग इस बार काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन करेंगे. इसको दृष्टिगत रखते हुए विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने पहली बार सड़क पर लगने वाली लाइन को गलियों में डाइवर्ट करने की तैयारी की है.
गलियों के रास्ते करेंगे बाबा विश्वनाथ के दर्शन
मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विशाल सिंह का कहना है कि विश्वनाथ कॉरिडोर का काम तेज होने की वजह से अब तक 150 से ज्यादा मकानों के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पूरी की जा चुकी है. हमारे पास 20,000 स्क्वायर फीट से ज्यादा की जगह खाली पड़ी है क्योंकि यह मंदिर के आसपास की जगह है. इसलिए इस बार भीड़ को गेट नंबर 4 के अंदर नहीं ले जाया जाएगा बल्कि दशाश्वमेध के डेड सी पुल से होते हुए विशालाक्षी मंदिर से सीधे मीर घाट सरस्वती फाटक होते हुए गेट नंबर 2 से भीड़ को गलियों के रास्ते कॉरिडोर तक पहुंचाया जाएगा और बाबा विश्वनाथ के दर्शन को भेजा जाएगा. इतना ही नहीं, जो लोग सड़क मार्ग से आएंगे, उनको भी मणिकर्णिका द्वार वाली गली से अंदर ले जाकर गलियों के रास्ते सीधे सरस्वती फाटक भेजा जाएगा और दर्शन पूजन के लिए मंदिर ले जाया जाएगा.
दर्शन-पूजन में होगी आसानी
मुख्य कार्यपालक अधिकारी का कहना है कि यह पहली बार होगा जब भक्तों को सड़क पर लाइन लगाकर दर्शन के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा क्योंकि विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर के काम में तेजी की वजह से इस बार काफी बड़ी जगह मंदिर प्रशासन को मिली है, जिसके कारण भीड़ को नियंत्रित करने के साथ ही आसानी से दर्शन करने की सुविधा लोगों को मुहैया कराई जाएगी. उनका कहना है कि सोमवार को ही नागा साधुओं को भी दर्शन करना है, इसके लिए विशेष व्यवस्था भी की जा रही है और गेट नंबर 4 से नागा साधुओं को एंट्री देने के साथ ही उनको दर्शन पूजन के लिए भेजा जाएगा ताकि किसी तरह की कोई परेशानी का सामना न करना पड़े. कुल मिलाकर कहा जाए तो इस महाशिवरात्रि पर बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में आने वाले लोगों को निर्माणाधीन कॉरिडोर को देखने का मौका भी मिलेगा और दर्शन पूजन में आसानी भी होगी.