वाराणसी: भारत और चीन के बीच लद्दाख की गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के दौरान 20 भारतीय सेना के जवान शहीद हो गए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देने के साथ चीन के सामानों का बहिष्कार करने की मांग को लेकर लोगों ने चीन का पुतला फूंका और विरोध दर्ज कराया. इस दौरान हाथों में तख्तियां लिए महिलाएं और पुरुष बड़ी संख्या में अपने घरों से बाहर निकल आए और चाइना का झंडा, चीन के राष्ट्रपति का प्रतीकात्मक पुतला जलाकर विरोध किया.
LAC पर चीन की नापाक हरकत, काशी में लोगों ने फूंका पुतला
भारत-चीन के बीच हिंसक झड़प के दौरान शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए उत्तर प्रदेश के वाराणसी में लोगों ने चीन का पुतला फूंका और विरोध दर्ज कराया. इस दौरान हाथों में तख्तियां लिए महिलाएं और पुरुष बड़ी संख्या में अपने घरों से बाहर निकल कर आए और चाइना का झंडा, चीन के राष्ट्रपति का प्रतीकात्मक पुतला जलाकर विरोध किया.
लोगों ने जलाया चीन का प्रतीकात्मक पुतला
जिले के हुकूलगंज में 10 से अधिक की संख्या में जुटे लोगों ने एक स्वर में चीन का विरोध किया और कहा कि आज से वह चीनी वस्तुओं का परित्याग करते हैं. लोगों के हाथों में पोस्टर थे, जिसमें लिखा हुआ था कि चीन तुम होश में आओ. धोखेबाज चीन, देश का दुश्मन चीन, चीनी सामानों का परित्याग करो के नारों के साथ लोगों ने चीन का प्रतीकात्मक पुतला जलाया.
चीन की हरकत नहीं की जाएगी बर्दाश्त
डॉ. राजू श्रीवास्तव ने बताया कि जिस तरह चीन ने हमारे एलएसी को पार करके नापाक हरकत की है, अब इसे पूरा देश बर्दाश्त नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि देश का बच्चा-बच्चा सेना में जाने के लिए तैयार है. डॉ. राजू श्रीवास्तव ने कहा कि चीन को यह बता दिया जाए कि यह 1962 और 1965 का भारत नहीं है, यह 2020 का भारत है. हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का देश है. इस दौरान महिलाओं ने यह ठाना कि वह शरीर पर कोई भी चाइनीज वस्तु धारण नहीं करेंगी. उनके घर में चीन निर्मित वस्तुओं का प्रयोग नहीं होगा. उनके किचन में वस्तुओं का प्रयोग नहीं होगा.