वाराणसी: श्री काशी विश्वनाथ मंदिर की छवि खराब करने वाले निशुल्क शास्त्री और कर्मचारियों पर बुधवार को गाज गिरी. कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने 10 निशुल्क शास्त्रियों का पास निरस्त करते हुए मंदिर परिसर में पूजा-पाठ कराने पर प्रतिबंध लगा दिया. साथ ही दो शास्त्रियों और मंदिर के एक सहायक पीआरओ को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
दरअसल, मंदिर प्रशासन को लगातार श्रद्धालुओं की ओर से शिकायतें मिल रही थीं की मंदिर की व्यवस्था से जुड़े हुए शास्त्री और कर्मचारी निर्धारित शुल्क के अलावा पैसों की मांग करते हैं. हेल्प डेस्क पर तैनात इन कर्मचारियों द्वारा दर्शन और पूजा के नाम पर श्रद्धालुओं को बरगलाकर पैसों की वसूली करते हैं. साथ ही श्रद्धालुओं से इनका व्यवहार भी ठीक नहीं रहता है. इस तरह की हरकतों से लगातार मंदिर प्रशासन की छवि खराब हो रही थी. मंदिर प्रशासन की लगातार बिगड़ती छवि को देखते हुए बुधवार को आयुक्त सभागार में वाराणसी के कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने कड़ा एक्शन लिया.
वाराणसी में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर की व्यवस्था और उसकी पूजा-पाठ सहित अन्य विषयों को लेकर कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बुधवार को आयुक्त सभागार में एक बैठक की. इसमें चर्चा के दौरान कमिश्नर ने पाया कि हेल्प डेस्क की ओर से रखे गए निशुल्क शास्त्री दर्शनार्थियों से निर्धारित शुल्क के अतिरिक्त पैसों की मांग करते हैं. इसके अलावा मंदिर के कर्मचारियों द्वारा श्रद्धालुओं से दुर्व्यवहार करने की शिकायतें मिली थीं. इसको लेकर कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने 10 निशुल्क शास्त्रियों का पास निरस्त करते हुए मंदिर परिसर में पूजा-पाठ कराने पर प्रतिबंध लगा दिया है. साथ ही दो शास्त्रियों और मंदिर के एक सहायक पीआरओ को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है.