वाराणसी: पूरे प्रदेश में ठंड का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है. हर तरफ ठंड और कोहरे की मार से लोग परेशान हैं, लेकिन इन सबके बीच काशी के महाश्मशान घाट मणिकर्णिका घाट पर भी इस ठंड और शीतलहर का असर देखने को मिल रहा है. हाड़ कंपा देने वाली ठंड और शीतलहर के साथ कोहरे की वजह से दोपहर के वक्त आने वाले शवों की संख्या इतनी ज्यादा हो जा रही है कि दाह संस्कार करने के लिए लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. वहीं शाम के समय शवों की संख्या में कमी देखने को मिलती है.
काशी के मणिकर्णिका घाट में ठंड का कहर, दिन में अंतिम संस्कार के लिए घंटों इंतजार - varanasi news
उत्तर भारत में ठंड का कहर बढ़ता ही जा रहा है. पहाड़ी क्षेत्रों में हुई बर्फबारी के कारण ठंड और कोहरे की मार से लोग परेशान हैं. ठंड का कहर काशी के महाश्मशान घाट मणिकर्णिका घाट में देखने को मिल रहा है. ठंड के कारण शाम के समय घाट में शवों की संख्या में कमी रहती है, वहीं दोपहर के समय शवों की संख्या अचानक बढ़ जा रही है.
रात के समय शवों की संख्या घटी
दरअसल, महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर सिर्फ बनारस ही नहीं, बल्कि दुनिया भर के अलग-अलग हिस्सों से लोग शव लेकर यहां पहुंचते हैं. मान्यता है कि काशी के मणिकर्णिका घाट पर मुखाग्नि मिलने के बाद मृतक को शिवलोक की प्राप्ति होती है. यही वजह है कि यहां इतनी ज्यादा संख्या में शव पहुंचते हैं.
दोपहर के समय शवों की लंबी कतार
दूर-दराज से आने वाले लोगों की संख्या 24 घंटे यहां पर ऐसे ही बनी रहती है, लेकिन भीषण ठंड का असर यहां पर भी देखने को मिल रहा है. सुबह 7:00 बजे से लेकर 10:00 बजे तक और शाम को 5:00 बजे से लेकर अगली सुबह 5:00 बजे तक इक्का-दुक्का शव ही दाहसंस्कार के लिए पहुंच रहे हैं. सुबह 11:00 बजे के बाद अचानक से शवों की संख्या बढ़ जा रही है और शाम 5:00 बजे तक लगातार शवों के आने का सिलसिला जारी रहता है.
मणिकर्णिका घाट पर शवों का दाह संस्कार करने के लिए बनाए गए 10 प्लेटफॉर्म फुल होने के कारण बाकी शवों के दाह संस्कार के लिए इंतजार करना पड़ रहा है. हालात यह है कि शवों के दाह संस्कार के लिए लोगों को घंटों वेटिंग में शव रखने पड़ रहे हैं.