वाराणसीः धर्म नगरी काशी का में देश-विदेश से लोग पहुंचते हैं, लेकिन इनमें सबसे ज्यादा संख्या दक्षिण भारतीयों की होती है. यह बात रेलवे की ओर से जारी आंकड़ों में सामने आई है. इसके लिए 6 से ज्यादा ट्रेनों का संचालन काशी से दक्षिण भारत के लिए होता है. इसके बावजूद भी ट्रेनों में वेटिंग खत्म नहीं होती. बड़ी बात यह है कि बीते एक साल में इन ट्रेनों में आने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ोतरी देखने को मिली रही है.
दक्षिण भारतीयों के काशी यात्रा करने से न सिर्फ काशी के पर्यटन को फायदा हो रही है, बल्कि यहां के व्यापारियों को भी खूब लाभ हो रहा है. वहीं, रेलवे (North Indian Railways) को भी इससे काफी लाभ हुआ है. रेलवे अधिकारी गौरव दीक्षित का कहना है कि जब से काशी नए कलेवर में विकसित हुई है. यहां काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर (Kashi Vishwanath Corridor) बनकर तैयार हुआ है, तब से काशी में दक्षिण भारतीयों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है.
कैंट स्टेशन निदेशक गौरव दीक्षित ने बताया कि प्रति माह लगभग साढ़े चार लाख से ज्यादा यात्री रेलवे की यात्रा कर वाराणसी में प्रवेश करते हैं. इनमें 30 फीसदी से ज्यादा संख्या दक्षिण भारतीयों की होती है. यानि करीब डेढ़ लाख दक्षिण भारतीय प्रति माह रेलवे से यात्रा करके काशी आते हैं. उन्होंने बताया कि बीते कुछ माह से दक्षिण भारतीयों के आगमन में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है. इसका प्रमुख कारण विश्वनाथ धाम कॉरिडोर है. क्योंकि धाम बनने के बाद से वाराणसी में पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. वहीं इससे रेलवे के मुनाफे में भी काफी इजाफा हुआ है.