वाराणसी: कर्नाटक से पैदा हुए हिजाब विवाद को लेकर अब मामला उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में भी फैलता जा रहा है. वाराणसी में मुस्लिम छात्राओं के हिजाब पहनकर स्कूल आने को लेकर कुछ लोगों ने विरोध किया. जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. वहीं, मुस्लिम महिलाओं के अधिवेशन का आयोजन भी हुआ. वाराणसी के लमही इलाके में मुस्लिम महिला फाउंडेशन की तरफ से आयोजित अधिवेशन में कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए गए.
अधिवेशन में हिजाब प्रकरण से जुड़े मामले को उठाते हुए मुस्लिम महिलाओं ने एकजुट होकर हिजाब नहीं किताब चाहिए का नारा बुलंद किया. मुस्लिम महिलाओं के हक की लड़ाई लड़ने वाली संस्था मुस्लिम महिला फाउण्डेशन ने लमही के सुभाष भवन में द्वितीय मुस्लिम महिला अधिवेशन का आयोजन किया. पहला अधिवेशन 01 दिसम्बर 2013 को पराड़कर भवन में हुआ था, जिसमें ऐतिहासिक तीन तलाक के खिलाफ आन्दोलन पूरे देश में किया गया और संसद से कानून पारित हुआ था.
मुस्लिम महिला अधिवेशन में बतौर मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य इंद्रेश कुमार भी पहुंचे हुए थे. उन्होंने मुस्लिम महिलाओं के समर्थन में बयान भी दिया कि आज ऐसे विवादों को बेवजह पैदा किया जा रहा है. मुस्लिम महिला फाउण्डेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष नाजनीन अंसारी ने बताया कि इस अधिवेशन में कुछ प्रस्ताव पारित हुए जिनमें मानवता और महिलाओं पर क्रूर अत्याचार जैसी गैर इस्लामिक हलाला कूप्रथा को तुरन्त समाप्त किया जाए. मुस्लिम मर्दों द्वारा अनेक निकाह करना यानी बहुविवाह करना जिसके कारण औरतों की जिंदगी दर–ब–दर होती है और बच्चों का भविष्य बर्बाद होता है. इसलिए अनेक निकाह पर प्रतिबंध लगाये जाए.