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ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष ने नहीं दाखिल की आपत्ति, अन्य मामले में बहस पूरी, 15 को आ सकता है फैसला

वाराणसी में ज्ञानवापी (Gyanvapi case court hearing) मामले में व्यास जी के तहखाने को डीएम की सुपुर्दगी को लेकर मुस्लिम पक्ष ने आपत्ति नहीं दाखिल की है. वहीं मुकदमा दर्ज कराने वाली याचिका पर बहस पूरी हो चुकी है.

वाराणसी
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 6, 2023, 6:21 PM IST

वाराणसी : ज्ञानवापी मामले मे एफआईआर दर्ज करने को लेकर दाखिल याचिका पर स्पेशल सीजेएम शिखा यादव की अदालत में सोमवार को बहस पूरी हो गई. 15 नवंबर को इस प्रकरण में कोर्ट अपना फैसला सुना सकती है. वहीं ज्ञानवापी स्थित व्यास जी के तहखाने को जिलाधिकारी के सुपुर्द किए जाने को लेकर जल्द सुनवाई की मांग पर मुस्लिम पक्ष की तरफ से आज आपत्ति दाखिल होनी थी, लेकिन आपत्ति दाखिल नहीं की गई.

अधिवक्ता ने कोर्ट को जयोतिर्लिंग के बारे में बताया :ज्ञानवापी मामले मे बजरडीहा भेलुपुर के विवेक सोनी व चितईपुर के जयध्वज श्रीवास्तव के 156 (3) सीआरपीसी के तहत प्रार्थना पत्र पर अधिवक्ता देशरत्न श्रीवास्तव व नित्यानन्द राय ने आज बहस की. कोर्ट को बताया कि द्वादश ज्योतिर्लिंग में प्रमुख काशी विश्वनाथ मंदिर अनादि काल से काशी में स्थित है, जयोतिर्लिंग को प्राण प्रतिष्ठा करने के उपरांत स्थापित किया गया था. यह जीवित स्वरूप है. उसका कभी विध्वंश नहीं हुआ है, बल्कि मात्र मंदिर के स्वरूप को क्षतिग्रस्त किया गया था. मंदिर के मलबे से ही कथित मस्जिद के भवन का स्वरूप बनाया गया. हर स्थिति में ज्योतिर्लिंग अपने स्थान पर कायम रहा है. कुछ अज्ञात लोग जो औंरगजेब के धर्म को मानने वाले हैं, उन्होंने ज्योतिर्लिंग को कूप बनाकर ढंकने के उपरांत एक पोखरी का निर्माण कर वजू का स्थान असंवैधानिक तरीके से बना दिया. काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग को नुकसान पहुंचाकर हिंदु भावना भड़काने, शिवलिंग के ऊपरी भाग में सिमेंटनुमा पदार्थ जमाकर शिवलिंग को ड्रिलिंग मशीन से छेदकर फव्वारे का रूप देने का प्रयास किया गया.

15 को मामले में कोर्ट फैसला सुना सकती है.

मुस्लिम समुदाय ने किया दंगा भड़काने का प्रयास :अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि हिंदू की भावनाएं इस कृत्य से आहत हुई. भावनाएं भड़का कर मुस्लिम समुदाय के अज्ञात लोगों द्वारा दंगा कराने का प्रयास किया गया है. घटना की सूचना 3 जनवरी 2023 को पुलिस को दी गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. निचली अदालत ने 156 (3) प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया तो ऊपरी अदालत में रिविजन फाइल हुआ. विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट द्वितीय अनुभव द्विवेदी की अदालत ने ज्ञानवापी मामले में दाण्डिक पुनरीक्षण याचिका स्वीकार कर ली है. निचली अदालत के उस आदेश को निरस्त कर दिया, जिसमें एफआईआर दर्ज करने के प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया गया था. सोमवार को ऊपरी अदालत के आदेश पर पुन:स्पेशल सीजेएम शिखा यादव की अदालत मे बहस हुई. अदालत ने बहस सुनकर आदेश के लिए 15 नवम्बर की तारीख नियत की है.

स्पेशल सीजेएम के तबादले के कारण नहीं पाया था आदेश :इसके पहले जुलाई माह में भी बहस हुई थी, मगर स्पेशल सीजेएम उज्जवल उपाध्याय के स्थानान्तरण की वजह से बहस के बाद भी आदेश नहीं हो सका था. इस अदालत ने भी अक्टूबर माह में बहस सुनकर आदेश के लिए तारीख लगाई थी. मगर कुछ विधिक बिन्दुओं पर आज पुन: सुनवाई हुई. अदालत को वादी मुकदमा के अधिवक्ता देशरत्न श्रीवास्तव व नित्यानन्द राय ने बताया कि पोषणीयता के बिन्दु पर ऊपरी अदालत ने तय कर दिया है कि प्रकरण सुनवाई योग्य है. अब 156 (3)के प्रार्थना पत्र पर आदेश पारित करना है.

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