वाराणसी: वैश्विक महामारी कोरोना के बीच इंसान जिंदगी जीने के लिए संघर्ष कर रहा है. खुद को सुरक्षित रखना परिवार का पेट पालना चुनौती बन चुका है. इन सबके बीच एक तरफ जहां इंसान परेशान है, वहीं सबसे ज्यादा मुसीबत का सामना जानवरों को करना पड़ रहा है, क्योंकि लोगों के सड़कों पर नहीं निकलने की वजह से छुट्टा जानवरों के आगे खुद का पेट भरने का संकट पैदा हो गया है.
नगर निगम के चिकित्सक खिला रहे आवारा पशुओं को खाना
हालात यह हैं कि आवारा कुत्ते जहां सड़कों पर घूम रहे लोगों पर हमला करने लगे हैं, वहीं छुट्टा गाय और सांड भी लोगों को अपने निशाने पर लेने लग गए हैं. वाराणसी नगर निगम के अधीन संचालित होने वाले जानवरों के अस्पताल में कार्य करने वाले डॉक्टर और यहां के कर्मचारी इन जानवरों का पेट भर रहे हैं, बल्कि हल्की चोट और बीमारी की हालत में इनका इलाज भी कर रहे हैं.
दरअसल, नगर निगम के आंकड़ों पर यदि गौर करें तो वाराणसी में से 5000 से ज्यादा आवारा और छुट्टा जानवर इन दिनों लॉकडाउन की वजह से परेशान हैं. इनका रोज पेट भरने का जिम्मा नगर निगम वाराणसी के साथ इनका इलाज करने वाले जानवरों के डॉक्टर ने उठाया है.