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कार्य को बोझा के बजाय समझें जिम्मेदारी, नहीं होगा मानसिक तनावः मनोचिकित्सक - वाराणसी नगर निगम

वाराणसी नगर निगम द्वारा अपने कर्मचारियों के बेहतर मानसिक स्वास्थ्य के लिए दो दिवसीय निशुल्क मानसिक स्वास्थ्य परीक्षण एवं परामर्श शिविर का आयोजन कराया गया. इस दौरान मनोचिकित्सकों ने सलाह दी कि कार्य को बोझा के बजाय अपनी जिम्मेदारी समझेंगे तो कार्य आसान हो जाएगा और मानसिक तनाव भी नहीं होगा.

मानसिक स्वास्थ्य परीक्षण एवं परामर्श शिविर
मानसिक स्वास्थ्य परीक्षण एवं परामर्श शिविर

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Published : Jan 31, 2021, 5:20 AM IST

वाराणसीः शहर में नगर निगम कर्मचारियों के लिए स्वास्थ्य एवं व्यवहार विज्ञान संस्थान द्वारा दो दिवसीय निशुल्क मानसिक स्वास्थ्य परीक्षण एवं परामर्श शिविर का आयोजन किया गया. शिविर के दूसरे दिन शनिवार को डॉक्टर अजय तिवारी और विशेषज्ञों की टीम को प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया.

आगे भी होंगे शिविर
नगर आयुक्त गौरंग राठी ने शिविर को संबोधित करते हुए कहा कि इस तरह के कार्यक्रम कर्मचारियों के लिए अत्यंत ही लाभप्रद होते हैं. भविष्य में कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए शिविरों का आयोजन किया जाएगा, जिससे नगर निगम के कर्मचारियों की कार्यक्षमता और स्वास्थ्य में सुधार किया जा सके.

की गई साइकोथेरेपी
शनिवार की कार्यशाला में डॉक्टर अजय तिवारी और उनकी विशेषज्ञ टीम ने व्यक्तिगत रूप से परामर्श प्रदान किया, जिसमें कर्मचारियों ने अपने तनाव, दबाव और उनके कारणों के बारे में विस्तार से चर्चा किया. जिन कर्मचारियों का तनाव दबाव उच्च स्तर का था, उनकी दिनचर्या व्यवस्थापन किया गया और उनकी साइकोथेरेपी की गई. रिलैक्सेशन एक्सरसाइज का विस्तार से प्रदर्शन किया गया, जिसको अपनाकर कर्मचारी तनाव और दबावाओं से मुक्त रह कर अपने कार्यों को निष्पादित कर सकते हैं.

जिम्मेदारी समझकर करें काम
वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. अजय तिवारी ने कहा कि कार्य को बोझ नहीं जिम्मेदारी समझकर करेंगे तो तनाव नहीं होगा और कार्य की गुणवत्ता भी बढ़ेगी. वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. मनोज तिवारी ने कहा कि व्यवहार व्यवस्थापन एवं समय प्रबंधन करके तनाव से बचा जा सकता है और मानसिक स्वास्थ्य को उत्तम बनाए रखा जा सकता है. नैदानिक मनोवैज्ञानिक डॉ. जोशना सिंह ने रिलैक्सेशन एक्सरसाइज का अभ्यास कराया. कार्यक्रम में मुख्य रूप से नई सुबह के समन्वयक आजाद तिवारी, नैदानिक मनोवैज्ञानिक शिवांगी श्रीवास्तव विक्रम सिंह, धर्मेंद्र सिंह और संध्या विश्वकर्मा ने योगदान दिया.

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