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काशी विश्वनाथ मंदिर क्षेत्र के 2 किमी दायरे में नहीं बिकेगा मांस और शराब, बैठक में पास हुआ प्रस्ताव

वाराणसी में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Temple) परिक्षेत्र के दो किलोमीटर दायरे में मांस और शराब की दुकानें प्रतिबंधित रहेंगी. इसका प्रस्ताव आज नगर निगम की बैठक में पास हुआ.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 18, 2024, 9:24 PM IST

वाराणसी: नगर निगम मिनी सदन में आज हुई बैठक में एक बड़ा प्रस्ताव पास हुआ है. इसमें श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में आने वाले भक्तों और उनकी सहूलियत को देखते हुए वृंदावन और अन्य धार्मिक स्थलों की तर्ज पर काशी विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र के दो किलोमीटर के दायरे में मांस मदिरा की दुकानों को प्रतिबंधित करने का फैसला लिया गया है. इस प्रस्ताव पर आज मिनी सदन की बैठक में महापौर अशोक कुमार तिवारी ने मोहर भी लगा दी. मिनी सदन की बैठक में गंदे पानी को लेकर जमकर हंगामा हुआ है. एक पार्षद गंदे पानी से भरी हुई बोतल लेकर मिनी सदन की बैठक में पहुंचा था. इसके बाद मेयर ने अधिकारियों को जमकर फटकार भी लगाई.

दरअसल, श्री काशी विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र के 2 किलोमीटर के दायरे में मांस और मदिरा की दुकान बंद करने को लेकर लंबे वक्त से मांग उठ रही थी. इन सब के बीच आज टाउन हॉल में आयोजित मिनी सदन की बैठक में आदि विशेश्वर वार्ड के पार्षद इंद्रेश कुमार नगर निगम अधिनियम 1959 की धारा 91 (2) के एक प्रस्ताव को लेकर आए. उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थलों अयोध्या, मथुरा, हरिद्वार आदि के प्रमुख मंदिरों से 2 किलोमीटर से 5 किलोमीटर के दायरे में मांस व मदिरा की दुकानें नहीं हैं. केवल वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र ही ऐसा है, जहां पर मांस व मदिरा की दुकानें खुली हुई हैं. धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखकर इसे 2 किलोमीटर के बाहर किया जाना आवश्यक है, जिसे सर्वसम्मति से पास किया गया. इसका बड़ा असर विश्वनाथ मंदिर क्षेत्र के लहुराबीर, सोनारपुरा, लक्सा, दालमंडी, बेनिया बाग, नई सड़क और हड़हा सराय जैसे इलाकों में पड़ेगा. इन क्षेत्रों में मांस व मदिरा की दुकानें बहुतायत में हैं.

वर्तमान में इन इलाकों में 50 से अधिक दुकानें मांस की और 30 दुकानें मदिरा की संचालित हो रही हैं. जिन्हें आने वाले दिनों में बंद कराया जाएगा. इसके अलावा दालमंडी के चौड़ीकरण को लेकर भी पार्षद इंद्रेश कुमार ने प्रस्ताव नगर निगम के पटल पर रखा. उनका कहना था कि मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं की गाड़ियां इस रास्ते से आसानी से चली जाएंगी. सड़क बहुत चौड़ी है. लेकिन, अतिक्रमण इतना ज्यादा है कि गाड़ियां क्या पैदल भी चलना मुश्किल है. यदि इस सड़क को चौड़ा किया जाएगा तो आने वाले दिनों में दाल मंडी एक अच्छा विकल्प रास्ते के तौर पर सामने लाया जा सकता है. इस प्रस्ताव पर भी सर्वसम्मति से मोहर लगाई गई है. इसके अलावा दाल मंडी में नगर निगम की 145 दुकानों के किराए का निर्धारण सर्किल रेट के हिसाब से करने का भी प्रस्ताव रखा गया. इस पर भी मोहर लगी है. इसके बाद इन क्षेत्रों में कई सालों से पुराने रेट पर चल रही दुकानों का किराया भी बढ़ेगा.

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