वाराणसी: उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में स्थित मदरसों का सर्वे करा रही है. इसके लिए शासन स्तर से आदेश जारी हो चुके हैं. इसी क्रम में सरकार के निर्देश के बाद मदरसों के सर्वे की शुरुआत गुरुवार को वाराणसी में हुई है. सबसे पहले सर्वे टीम 65 साल पहले यानी 1957 में स्थापित इस्लामिया मदरसे में पहुंची. यहां टीम ने काफी देर तक छानबीन कर जानकारियां हासिल की.
सरकार के निर्देश के बाद वाराणसी के सरैया स्थित मदरसा इस्लामिया में गुरुवार को सर्वे टीम पहुंची. इस दौरान मदरसे के संचालन के बारे में जानकारी ली गई और मदरसे की बनावट पर भी पूछताछ की गई. बता दें कि यह मदरसा बनारस का सबसे पुराना मदरसा माना जाता है. 1957 में इस मदरसे की स्थापना हुई थी. जानकारी के मुताबिक वर्तमान में यहां बड़ी संख्या में इलाके के छात्र पढ़ाई करते हैं.
गौरतलब है कि वाराणसी में आज से मदरसों के सर्वे की शुरुआत हो चुकी है. ऐसे में अब वाराणसी में क्रमवार यह टीम मदरसों में जाकर उनकारी जानकारी हासिल करेगी. वहीं जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी संजय कुमार मिश्रा को सर्वे टीम अधिकारी का बनाया गया है. उनका कहना है कि यह मदरसा गैर मान्यता प्राप्त है. अगर इस मदरसे की मान्यता होती तो यह मानक के अनुरूप रहता. फिलहाल सिर्फ सर्वे किया जा रहा है. इसके आगे की प्रक्रिया बाद में निर्धारित की जाएगी. वहीं मदरसे के मुख्य शिक्षक अब्दुल कलीम ने बताया कि हमने कई बार मान्यता की कोशिश की, लेकिन मान्यता नहीं मिल पाई है.
सरकार ने तैयार किया है सर्वे का फॉर्मेट:उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पिछले दिनों प्रदेशभर में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वेक्षण कराने का फैसला किया था. सरकार का तर्क है कि इससे मदरसों की शिक्षा व्यवस्था बेहतर होगी और मदरसों को यूपी मदरसा बोर्ड से मान्यता दिलाने का प्रयास किया जाएगा. सर्वे के लिए योगी सरकार ने एक फॉर्मेट तैयार किया है. इस संबंध में सभी जिला मुख्यालयों को आदेश भेजा गया है और 12 बिंदुओं पर रिपोर्ट तलब की गई है
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