वाराणसी:भारत सरकार स्वास्थ्य कार्य को बेहतर बनाने के कितने ही दावे कर ले, लेकिन स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर नहीं हो पा रही हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के क्षेत्र में 2 सबसे बड़े अस्पताल दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल और मंडलीय अस्पताल में इंटेंसिव केयर यूनिट नहीं है.
वाराणसी के दो बड़े अस्पतालों में नहीं है इंटेंसिव केयर यूनिट की सुविधा
स्वास्थ्य कार्यों को बेहतर बनाने को लेकर मौजूदा सरकार हमेशा अपनी पीठ थपथपाती नजर आती है. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र के दो बड़े अस्पतालों में इंटेंसिव केयर यूनिट का नहीं है. मुख्य चिकित्सा अधिकारी वीबी सिंह का कहना है कि दोनों अस्पतालों में जल्द ही यह व्यवस्था शुरू कर दी जाएगी.
किसी भी मरीज को ऑपरेशन के बाद जो सबसे बड़ी चीज की जरूरत होती है वो होती है इंटेंसिव केयर यूनिट. वाराणसी के 2 सबसे बड़े अस्पतालों में इसी इंटेंसिव केयर यूनिट की कमी है. प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं से हो रहे खिलवाड़ इस बात को उजागर कर रहे हैं कि प्रशासन और स्वास्थ्य महकमा मरीजों की सेहत के लिए कितना सजग है. जिला अस्पताल और मंडलीय अस्पताल दोनों को मिलाकर रोजाना लगभग 100 से 150 ऑपेरशन होते हैं. इस बारे में जब वाराणसी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी से बात की गई तो उनका कहना है सभी स्वास्थ्य केंद्रों को अपग्रेड कर दिया जाएगा और आईसीयू व्यवस्था भी इन दोनों अस्पतालों में शुरू जल्द होने वाली है.
वाराणसी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर वीबी सिंह का कहना है अस्पताल में हर तरीके की सुविधा उपलब्ध है. इंटेंसिव केयर यूनिट हालांकि अभी तक दोनों अस्पतालों में नहीं है लेकिन यह सुविधा भी जल्द ही शुरू कर दी जाएंगी. वाराणसी में अस्पतालों में किसी भी तरीके की कोई भी कमी स्वास्थ्य से संबंधित नहीं रखी जाएगी. डॉक्टर सिंह का कहना है कि सरकार पहले से ही बहुत कुछ वाराणसी के स्वास्थ्य को देखते हुए कर चुकी है और आगे भी करती रहेगी.अभी तक आईसीयू न होने का कारण हालांकि सीएमओ साहब खुलकर नहीं बता रहे. उनका कहना है कि इसकी व्यवस्था जल्द दोनों अस्पतालों में शुरू होती नजर आएंगी. अभी तक वाराणसी में अगर कहीं आईसीयू की व्यवस्था है तो वह सिर्फ बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल में है.