वाराणसीःउत्तर प्रदेश सरकार ओडीओपी (एक जिला एक उत्पाद) के तहत हर जिले के उत्पादों को एक नई पहचान दे रही है. वहीं, अब नई पहचान देने वाले कारीगरों व उनकी पीढ़ी को और भी बेहतर रूप से निपुण बनाया जाएगा. इसके तहत नई शिक्षा नीति के जरिए अब सरकार उत्पाद से जुड़े हुए कारीगरों को शिक्षित कर उनके कौशल को विकसित करने की योजना बना रही है, जिसके तहत उन्हें बेहतर रूप से आधुनिक तकनीकी से जोड़कर उनकी कला को और ज्यादा बेहतर बनाया जा सके.
बता दें कि इसको लेकर के अब स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम भी संचालित किए जाएंगे, जिससे कारीगरों को तकनीकी शिक्षा से भी जोड़ा जाएगा. इसका उद्वेश्य जिले में तैयार होने वाले उत्पादों को न सिर्फ एक नया आयाम देना है, बल्कि उनके लिए बेहतर मार्केट उपलब्ध कराना है. साथ ही शिल्पियों के जीवन को सुगम बनाना है, जिससे वह आर्थिक तंगी से इस कला से पीछा न छुड़ाएं, बल्कि इस कला में अपना भविष्य देखकर जिले और प्रदेश को विकास के मार्ग पर ले कर के चले.
ओडीओपी के कारीगरों को शिक्षित करेगी सरकार
इस बारे में मुख्यमंत्री के शिक्षा सलाहकार डॉ. डीपी सिंह ने बताया कि 'एक जिला एक उत्पाद' उत्तर प्रदेश की एक अनुकरणीय पहल है, जिसे सराहा गया है. हम जब इसके विस्तारीकरण को देखते हैं तो इसे और भी ज्यादा कौशल व तकनीकी के क्षेत्र में विस्तार देने की जरूरत समझ आती है. इसी क्रम में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत हम इससे जुड़े हुए लोगों के कौशल को बेहतर बनाकर उन्हें तकनीकी से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं, जिससे उन्हें इस काम में और भी ज्यादा कुशल बनाया जा सके. उन्होंने बताया कि, सरकार अपने इस नई पहल से अब इन शिल्पियों को शिक्षा कौशल और तकनीक के क्षेत्र में और ज्यादा निपुण बनाएगी.