वाराणसी:आज नवरात्र का छठां दिन है और आज के दिन देवी के छठवें स्वरूप यानी 'देवी कात्यायनी' की आराधना की जाती है. देवी कात्यायनी की पूजा से राहु जनित कालसर्प दोष दूर होता है. यह भी मान्यता है कि मां कात्यायनी की पूजा से मस्तिष्क, त्वचा, संक्रमण आदि रोगों में लाभ मिलता है और माता अविवाहित कन्याओं को मनचाहा वर देती है.
'अद्भुत रूप धारिणी मां'
मां कात्यायनी अद्भुत रूप वाली है. मां कात्यायनी का रूप भव्य और सोने की तरह चमकीला है. देवी कात्यायनी की चार भुजाएं हैं. दायीं ओर का ऊपर वाला हाथ अभय मुद्रा में स्थित होता है. वहीं नीचे वाला हाथ वर मुद्रा में विद्यमान होता है. मां के बायीं ओर वाले हाथ में तलवार शोभित होता है. वहीं मां के नीचे वाले हाथ में कमल का फूल होता है. मां कात्यायनी सदैव शेर पर सवार रहती हैं.