वाराणसी :लकड़ी के खिलौनों पर बनारस के संगीत घराने की छवि नजर आएगी. लकड़ी खिलौना कारोबारियों ने खास आइटम तैयार किए हैं. इनकी काफी डिमांड भी है. बड़ी बात यह है कि पीएम मोदी भी इस अनूठे प्रयास की सराहना कर चुके हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते दिनों वाराणसी में दक्षिण भारतीयों से बात करने के दौरान इस कला का जिक्र किया था. उन्होंने इसे प्रोत्साहित भी किया था. प्रधानमंत्री ने कहा था कि याद के रूप में काशी आने वाले मेहमान इसे अपने साथ जरूर लेकर जाएं. पहली बार लकड़ी के खिलौने पर बनारस के संगीत घरानों की झलक देखने को मिल रही है. इन वाद्य यंत्रों की डिमांड दक्षिण भारत के साथ-साथ विदेश से भी आ रही है.
लकड़ी के खिलौनों की डिजाइनर व कारोबारी शुभी अग्रवाल ने बताया कि बनारस को संगीत का भी मंदिर माना जाता है. हमने सोचा कि अगर हम लोग लकड़ी से भगवान को बना रहे हैं, घर में प्रयोग होने वाले आइटम बना रहे हैं तो क्यों न लकड़ी के वाद्य यंत्र आदि भी बनाया जाए. इसकी लगातार डिमांड भी आ रही थी. हर कोई घर में बड़े आइटम को सजा नहीं पाता है. इसलिए हमने छोटे साइज में इसे बनाया है. यह देखने में अच्छा लगता है और सजावट के भी काम आ सकता है.
बाहर से भी आ रही डिमांड : शुभी अग्रवाल ने बताया कि लकड़ी से हमने तबला, हारमोनियम और जितने भी महत्वपूर्ण यंत्र हैं, बनाए हैं. जो भी हम बना सकते थे, हमने सब बनाया है. इसकी डिमांड लोकल में भी बहुत है. बनारस के लोग इसे काफी पसंद कर रहे हैं. दिल्ली से, साउथ से काफी जगहों से इसकी डिमांड आ रही है. लोग ऑर्डर कर रहे हैं. सात समंदर पार से अभी शुरुआत हुई है. वहां पर फोटो भेजी गई है. वहां पर बातचीत हो रही है.